मोरेना

13.16 करोड़ बढ़ गई सीवेज प्रोजेक्ट के पहले चरण की लागत

फरवरी 2016 में 125 करोड़ की थी प्रशासकीय स्वीकृति, वाले सीवेज प्रोजेक्ट को 4 माह बाद ही जुलाई में 128.07 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। लेकिन डेढ़ साल से अधिक का समय बढ़ाने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। 4 नवंबर 2019 को प्रोजेक्ट की पुनरीक्षित लागत भी 138.16 करोड़ कर दी गई।

मोरेनाJan 06, 2020 / 12:09 pm

Ravindra Kushwah

-जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण कमेटी की बैठक लेते केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।

मुरैना. 125 करोड़ का प्रथम चरण का सीवेज प्रोजेक्ट समय अधिक लगने से बढ़कर 138.16 करोड़ का हो गया है। केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिह तोमर की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में यह तथ्य सामने आया। बताया गया कि सीवेज प्रोजेक्ट का 86 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और प्रथम चरण का कार्य मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में प्रस्तावित १५३ किमी पाइप लाइन में से 142 किमी का काम पूरा करने का दावा किया गया है। इसके बाद करीब 52000 घरों को कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए सभी को बाध्य किया जाएगा। बैठक में कलेक्टर प्रियंका दास के अलावा महापौर अशोक अर्गल, जिला पंचायत अध्यक्ष गीता हर्षाना, विधायक गिर्राज दंडोतिया, जिला पंचायत सीईओ तरुण भटनागर, नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता सहित समिति के सदस्य एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
सभी पात्रों को 2022 तक शत-प्रतिशत आवास मिलें
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि 2022 तक सभी पात्र लोगों को शत-प्रतिशत आवास उपलब्ध कराना है। शहरी क्षेत्र में पूर्ण हो चुके 240 आवासों में 26 जनवरी को 240 परिवारों को गृह प्रवेश कराया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 7790 आवासों में से 7466, वर्ष 2017-18 में 1056 स्वीकृत आवासों में से 1004 और वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 4274 आवासों में से 4014 ग्रामीण आवास पूर्ण हो चुके हंै। शहरी क्षेत्र में 1416 आवासों का निर्माण कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इनमें 1116 ई.डब्ल्यू.एस. 240 एलआईजी और 60 एमआईजी आवास हैं।
विश्व बैंक से करेंगे चंबल वाटर प्रोजेक्ट पर चर्चा
जिले के लिये तैयार 321.61 करोड़ रुपए की चम्बल पेयजल योजना की भी समीक्षा की गई। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि योजना के टेण्डर होना शेष है। वर्तमान में विश्व बैंक द्वारा सर्वे कार्य किया जा रहा है। योजना के तहत चम्बल नदी पर 95 एमएलडी इन्टेक वेल, 71 एमएलडी का जलशोधन संयंत्र, कुल 15 वितरण जोन, 11 नवीन टंकियो का निर्माण किया जाएगा। इन टंकियो पर पानी पहुंचाने के लिये 502 किसी लंबी पाइप लाइन का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाटर प्रोजेक्ट की सभी अड़चनें दूर की जाएंगी। बता दें कि राज्य स्तरीय साधिकार समिति इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2018 में ही स्वीकृति प्रदान कर चुकी है, अब केवल टैंडर की प्रक्रिया पूरी होनी है।
नाला पाटने का कार्य भी धीमी गति से
4.25 किमी के नाला नंबर 1 को पाटने के कार्य की समीक्षा में बताया गया कि करीब 2100 मीटर तक नाले को भूमिगत किया जा चुका है। 15 वार्डों को जोडऩे वाले इस नाले से करीब १ लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। 21.12 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट से कब्रिस्तान, गणेशपुरा, दुर्गापुरी, विवेकानंद कॉलोनी, गांधी कॉलोनी, गोपालपुरा, एमएस रोड, सिंधी कॉलोनी, केशव कॉलोनी, राठौर कॉलोनी, नैनागढ़ रोड मोहल्लों के नाले जुड़ते हैं। नाले पर 1350 मीटर तक 4 लेन रोड निर्मित कराई जा चुकी है। 1500 मीटर तक साइड डे्रन भी बनवाई जा चुुकी है।
पीएम किसान सम्मान योजना में 3.08 लाख खाते अपलोड
प्रधामंत्री किसान सम्मान योजना में कलेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि जिले में 325568 खातों में से 3०8156 खाते अपलोड किए जा चुके हैं। यह कार्य लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक है। इन खातों में 644952 कृषक परिवारों को अपलोड किया गया है।
सांसद आदर्श गांवों में करोड़ों खर्च
सांसद आदर्श ग्राम योजना ग्राम पढ़ावली में प्रथम चरण में 38175०००, कुल्हौली में द्वितीय चरण में 92899००० हजार और ग्राम पिपरसेवा में चतुर्थ चरण में 71540००० रुपए के विकास कार्य प्रस्तावित किए हैं। इनमें से अधिकांश कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।
मेलों, मंदिरों व हाट-बाजारों में मॉडल तकनीक से बनें शौचालय
दिशा की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जिले में लगने वाले मेलों, बड़े मन्दिरों, सार्वजनिक स्थानों, हाट बाजारों में नई तकनीकी के साथ बेहतर मॉडल पर शौचालय बनाये जाएं। सीवेज प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा किया जाए और पीएम किसान सम्मान योजना को अभियान चलाकर अंतिम रूप दिया जाए। सांसद आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों में विकास कार्यों के साथ आर्थिक उत्थान के लिए स्व-सहायता समूह बनाए जाएं। पीएम आवास योजना में घर-घर जाकर सर्वे हो और योजना में पात्र पाए जाने वाले परिवार के मुखिया की सूची ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत स्तर पर सूचना पटल पर चस्पा की जाए ताकि सभी पात्र लोगों को आवास मिलने की जानकारी मिल जाए। उन्होंने भारत स्वच्छता मिशन की समीक्षा के दौरान कहा कि यह कार्य नगरीय निकाय अपने सिर पर न लें। इसके लिए मजबूत एवं बेहतर कार्य करने वाली कम्पनी का चयन करें। स्वच्छता एक दिन का काम नहीं है। यह निरन्तर जारी रहने वाला काम है । नगर निगम इस कार्य को नहीं कर पायेगा, जब तक कम्पनी नियुक्त नहीं हो जाती तब नगर निगम अपने स्तर से काम करें।

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