उन्होंने कहा कि 2009 में एमपीपीएससी में सिलेक्शन के बाद टे्रनिंग पीरियड में खंजरिया जग मंडल मंडला में छह महीने रेंज ऑफीसर रहीं। यहां छापामार कार्रवाई कर सागौन की तस्करी करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की तो यहां से हटाया गया। बैतूल के छिछोली प्रोडक्शन में भेजा गया, वहां भी काम किया। यहां से टाइगर स्टाइक फोर्स सागर वहां वाइल्ड लाइफ पर काम किया। वहां से फिर बैतूल भेजा गया। वहां फिर एक साल काम किया, वहां से मुरैना से भेजा गया। यहां भी रेत माफिया व चंबल रेत का उपयोग करने वाली सरकारी एंजेसियों से सामना करना पड़ा और कुछ काम कर पाते उससे पहले मेरा ट्रांसफर कर दिया। मेरी प्लानिंग थी अगर ट्रांसफर नहीं होता तो टास्कफोर्स के साथ चंबल नदी के राजघाट पर बड़ी कार्रवाई करनी थी। उन्होंने कहा कि मैंने मुरैना में पहली बार ऐसा काम नहीं किया। जब-जब मुझे पोस्टिंग मिली, तब मैंने इसी तरह काम किया। सबसे अधिक समय सागर में तीन साल और सबसे कम तीन महीने मुरैना में रही।
एसडीओ ने कहा कि शासकीय कर्मचारी हो या फिर माफिया, यदि उन्होंने जंगल व वन्य प्राणी के अंगेस्ट कार्य किया, उसके खिलाफ मैंने कार्रवाई की है। टाइगर स्टाइक फोर्स सागर में एक रेंजर व तीन वनरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की उनको जेल भेजवाया था। शासन ने जहां जहां पर ट्रांसफर किया है, वहां पर कार्य किया। उन्हें इस बात का कष्ट है कि कार्रवाई के दौरान मेरे और मेरी टीम पर 12 बार हमले हुए, लेकिन पुलिस ने सिर्फ चार मामलों में ही एफआइआर दर्ज की।
माफिया के इशारे पर ईमानदार वन अधिकारी का स्थानांतरण : पूर्व विधायक अपनी जान जोखिम में डालकर खनन माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाली ईमानदार महिला वन अधिकारी श्रद्धा पंद्रे के हाल ही में किए गए स्थानांतरण को लेकर जौरा के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेश दत्त मिश्र ने जिले की प्रशासनिक व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह सहित भाजपा नेताओं को बधाई प्रेषित की है। उन्होंने कहा है कि अब उनकी मंशा के अनुरूप जिले में सिर्फ माफिया राज चलेगा। मिश्र ने अपने बयान में कहा है कि ईमानदार वन अधिकारी पंद्रे की पद स्थापना के महज तीन माह में स्थानांतरण किए जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि यहां खनन माफिया की इच्छा एवं सुविधा से ही अधिकारियों की पदस्थापना की जाएगी।
जो अधिकारी ईमानदारी से अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य का पालन करता है। उसे जिले में टिकने नहीं दिया जाएगा। मिश्र ने कहा कि वन अधिकारी पंद्रे ने अपनी पदस्थापना के बाद रेत एवं खनन माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रेत माफिया की लगभग कमर तोड़ दी थी। पूर्व विधायक ने कहा है कि हाल ही में राजनैतिक दबाव के चलते उनके स्थानांतरण से प्रत्येक इमानदार अधिकारी एवं कर्मचारी का मनोबल टूटा है। पूर्व विधायक ने कहा है कि इससे पूर्व शराब माफिया के खिलाफ जिले में प्रभावी अभियान चलाने वाले ईमानदार पुलिस अधीक्षक सुनील पांडे का स्थानांतरण भी प्रदेश सरकार द्वारा माफिया के दबाव में किया गया। पूर्व विधायक ने बताया कि दोनों उदाहरण से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार माफियाओं को पूरा संरक्षण देना चाहती है उसके यहां अधिकारियों की ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है।