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खाद नहीं मिला तो किसानों फिर घेरा कलेक्टर बंगला

locationमोरेनाPublished: Oct 26, 2021 09:50:30 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

– कहा, पानी देने के बाद बोवनी का समय आया तो नहीं मिला खाद

खाद नहीं मिला तो किसानों फिर घेरा कलेक्टर बंगला

खाद नहीं मिला तो किसानों फिर घेरा कलेक्टर बंगला

मुरैना. कृषि मंडी परिसर में स्थित वेयर हाउस पर अल सुबह से खड़े किसानों को खाद नहीं मिला तो उन्होंने कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया। खाद की किल्लत को लेकर कलेक्टर बंगले का घेराव किसान पहले भी कर चुके हैं। किसानों का कहना था हर बार खेतों में पानी देते हैं और वह सूख जाता है लेकिन समय पर खाद नहीं मिल रहा है। मंडी में कोई सूचना नहीं थी इसलिए मजबूरी में कलेक्टर साब से ये आश्वासन लेने आए हैं कि खाद कब और कहां मिलेगा। सूचना मिलते ही निर्भया मोबाइल का स्टाफ बंगले पर पहुंच गया। परंतु ४० मिनट तक किसान कलेक्टर के बंगले पर खड़े रहे, उनकी फरियाद सुनने न कलेक्टर बंगले से बाहर निकले और न कोई भी प्रशासनिक अधिकारी आया। पौन घंटे बाद एसडीएम पहुंचे। उन्होंने बताया कि २८ अक्टूबर को टोकन बंटेंगे, उसके बाद खाद का वितरण होगा। काफी समझाने के बाद किसान मान गए और अपने अपने घर को चले गए।
किसानों का कहना था कि पिछले एक सप्ताह से त्यौहार पर सारे काम छोडक़र खाद लेने आ रहे हैं लेकिन खाद नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बताया कि सुबह पांच बजे से हम मंडी में लाइन में लगे थे, सुबह पता चला कि खाद उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनको टोकन एक दिन पहले मिल गए हैं। उसके बाद हम कलेक्टर बंगले इस उम्मीद के साथ आए कि खाद की व्यवस्था हो जाएगी लेकिन यहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा। प्रशासन कह रहा है कि २८ को टोकन मिलेगा लेकिन यह तो बताए कि खाद मिलेगा कि नहीं। अन्यथा रोजाना की तरह फिर से लाइन में धक्के खाकर लौटना पड़े। मौके पर पहुंचे एसडीएम को किसानों ने बताया कि पहले से कोई सूचना तो हो कि आज सिर्फ टोकन बंटेंगे, खाद नहीं मिलेगा। किसानों ने कहा कि तीन कट्टे के लिए दो दिन का समय बर्बाद हो रहा है, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे एक ही दिन में टोकन व खाद दोनों व्यवस्थाएं हो जाएं जिससे समय की बचत हो सके।
किसान वीडियो बनाकर लाए, हम करेंगे कार्रवाई ……
कलेक्टर बंगले पर पहुंचे एसडीएम संजीव कुमार जैन के सामने किसानों खाद की कालाबाजारी की शिकायत की तो उन्होंने कहा कि आप लोग वीडियो बनाकर लाएं, कार्रवाई हम करेंगे। विडंवना यह है कि सबकुछ किसान ही करेंगे तो प्रशासन का काम क्या रह जाता है। इन साहब को यह कौन बताए कि वीडियो बनाते समय अगर पकड़ा गया पिटाई तो किसान की होनी हैं। ऐसी स्थिति में किसान की मदद कौन करेगा।
फैक्ट फाइल
– ०७: २० बजे कलेक्टर बंगला पहुंचे आधा सैकड़ा किसान।
– ०७:३० बजे निर्भया मोबाइल पहुंची मौके पर।
– ०७:५४ बजे किसानों के बीच पहुंचे एसडीएम।
– ०८:०५ बजे एसडीएम की समझाइश के बाद कलेक्टर बंगले से हटे किसान।
कथन
– आठ दिन से खाद के लिए आ रहे हैं, प्रोपर कोई सूचना नहीं होती कि कब टोकन और खाद बंटेंगा और किस केन्द्र पर पहुंचना हैं। पेटोल १.१३ रुपए प्रति लीटर हो रही है, फिर भी मजबूरी में आना पड़ रहा है।
उमेश भारद्वाज, गंजरामपुर
– मार्केट में खाद खुलेआम ब्लैक में बिक रहा है। जिस एएसपी खाद की कीमत १०५० है, उसको दुकानदार १२५० में बेच रहे हैं। किसान को खाद नहीं हैं, दुकानदार मजे कर रहे हैं।
नरेश ङ्क्षसह, सुंदरपुर
– खाद के लिए आज मंडी में सुबह से करीब एक हजार किसान खड़ा है। कोई यह बताने वाला नहीं हैं कि अब क्या व्यवस्था है। जिनकी पर्ची एक दिन पहले काट दी, उनको मिल रहा है।
रामनिवास, गोरखा
– सुबह तीन बजे से इस आस से लाइन में लगे थे कि सुबह हमारा जल्दी नंबर आ जाएगा लेकिन पता चला कि अब २८ अक्टूबर के बाद खाद मिलेगा। इसलिए कलेक्टर साब से गुहार लगाने आए हैं।
अजमेर सिंह, जतावर
– कोई परेशानी नहीं हैं, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। कुछ लोग रोज रोज टोकन लेने आ जाते हैं। आज भी १३०० लोगों को टोकन पर खाद दिया जा रहा है। किसान घवराएं नहीं हैं, सबको खाद मिलेगा। मंडी से कुछ किसान निकलकर कलेक्टर बंगले पर आ गए हैं। उनको हमने समझाया है कि २८ अक्टूबर को फिर टोकन बांटे जाएंगे।
संजीव कुमार जैन, एसडीएम, मुरैना
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