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जल्द बने पुल तो दूरी भी घटेगी, टैक्स भी बचेगा, जाम से भी मिलेगी निजात

locationमोरेनाPublished: Nov 24, 2021 09:05:59 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

तीन जिलों के बड़े हिस्से के लिए सीधे आगरा तक निर्वाध सड़क मार्ग के बीच चंबल के उसैद घाट पुल का निर्माण कछुआ गति से हो रहा है। राजनीतिक झंझावतों में फंसे इस पुल के निर्माण का सपना क्षेत्र के लोग 30 साल से देख रहे हैं।

चंबल  का उसैद घाट पुल- मुरैना

पिलर निर्माण कार्य में लगी मशीनें और मजदूर।,पिलर निर्माण कार्य में लगी मशीनें और मजदूर।,पिलर निर्माण कार्य में लगी मशीनें और मजदूर।

रवींद्र सिंह कुशवाह, मुरैना. भाजपा की तीसरी पारी में निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन बाद में कांग्रेस की सरकार में निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कराने के बाद फिर भाजपा की सरकार आने पर काम फरवरी से फिर शुरू हुआ है, लेकिन गति अभी भी सुस्त है।
भाजपा सरकार में वर्ष 2012 से पुल निर्माण की कवायद तेज हुई। उस वक्त 28 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। लेकिन वाइल्ड लाइफ से एनओसी के चक्कर में समय अधिक लगा और आज लागत बढ़कर 90 करोड़ हो गई। निर्माण कार्य पूरा होने तक यह 125 करोड़ तक पहुंच जाएगी। निर्माण कार्य वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले शुरू कराया गया और 14 में से 10 पिलर को करीब 20 फीट तक नीचे धंसाया भी गया। इस पर करीब 12 करोड़ रुपए की राशि भी खर्च हुई। लेकिन मप्र में कांग्रेस की सरकार आने के बाद निर्माण कार्य को लेकर अंबाह विधायक ने आपत्ति की और निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर नए सिरे से टैंडर की कवायद शुरू की गई। इस दौरान करीब तीन साल काम पिछड़ गया। जो काम वर्ष 2023-24 तक पूरा होना था, वह अब 2026 की समय सीमा को लेकर किया जा रहा है। कुछ कोरोना काल और बाद में बारिश की वजह से काम उम्मीद के अनुरूप गति नहीं पकड़ पाया है। नए टैंडर में इसकी लागत भी 90 करोड़ तय की गई है, जो निर्माण कार्य पूरा होने तक 100 करोड़ के पार चली जाएगी। लेकिन राजनीतिक झंझावतों में हुए विलंब की भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी।
ग्वालियर से सीधे आगरा के लिए उपलब्ध होगा मार्ग
ग्वालियर से मुरैना होकर आगरा जाने वाले लोगों को अभी 120 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी पड़ती है। मप्र के अलावा राजस्थान के धौलपुर और फिर उतरप्रदेश में टोलटैक्स चुकाना पड़ता है। यदि उसैदघाट का पुल बन जाएगा तो आगरा जाने के लिए दो वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएंगे। एक तो ग्वालियर से गोहद और वहां से कोंथर हुए हुए पोरसा करीब 68 किमी है। पोरसा से उसैदघाट तक की दूरी 22 किमी और वहां से 20 किमी आगरा है। इसमें भारी वाहन और हल्के वाहन चालकों को राजस्थान का अतिरिक्त कर नहीं चुकाना पड़ेगा और जाम के साथ दूरी में भी राहत मिलेगी।
कारोबार का बड़ा केंद्र बन जाएगा यह मार्ग
उसैदघाट का पुल अंबाह, दिमनी, गोहद, ग्वालियर, मेहगांव, मौ, पोरसा, गोरमी, सोनी सहित ग्वालियर, मुरैना और भिण्ड जिले के लाखों लोगों के लिए बेहतर वैकल्पिक मार्ग बन जाएगा। ग्वालियर से महाराजपुरा और शनीचरा होकर ककनमठ होकर भी एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। इसमें कोई टोल भी नहीं मिलेगा।
यूपी के कई जिले सीधे संपर्क में हो जाएंगे
पुल बन जाने से उत्तरप्रदेश के आगरा, मथुरा, इटावा, मैनपुरी, कानपुर और इलाहाबाद के लिए सीधा संपर्क हो जाएगा। इसके अलावा दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा के लिए भी सीधा सड़क मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। इस पुल का लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे हैं। इससे न केवल कारोबारी संपर्क मजबूत होगा बल्कि दोनों राज्यों के चंबल किनारे के इलाकों का संपर्क भी मजबूत होगा। इसके साथ ही वर्ष भर आवागमन निर्वाध जारी रह सकेगा।
तीन बार हो चुका शिलान्यास तब शुरू हुआ काम
उसैदघाट पर पुल निर्माण की मांग 50 वर्ष से लगातार चली आ रही थी। वर्ष 1991 में पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पिनाहट घाट पर उत्तरप्रदेश की सीमा में पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया था। उसके बाद एक बार और कांग्रेस के कार्यकाल में शिलान्यास उसैदघाट पर हुआ। लेकिन भाजपा सरकार की तीसरी पारी में इसका शिलान्यास होकर काम शुरू कराया गया। विवादों में अटककर काम बंद होने के बाद भाजपा की चौथी बार सरकार बनने पर फरवरी 2021 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसका शिलान्यास किया।
कथन-
हम अक्सर आगरा, मथुरा और दिल्ली जाते रहते हैं। लेकिन इसके लिए मुरैना होकर या भिण्ड होकर जाना पड़ता है। उसैदघाट का पुल बन जाएगा तो सीधा और कम दूरी का बेहतर रास्ता उपलब्ध हो जाएगा। काम तो शुरू हुआ है, समय पर पूरा हो जाए।
ब्रिजकिशोर सिंह तोमर, किसान, पुरावसकलां।
पुल का नंबर गणित
-700 मीटर लंबा कराया जा रहा है पुल का निर्माण।
14 स्पॉन पर टिका होगा उसैदघाट का पक्का पुल।
25 मीटर होगी निर्माधीन चंबल के उसैदघाट पुल की ऊंचाई।
50 मीटर तक नीचे धंसाए जा रहे हैं निर्माणाधीन पिलर।
50 मीटर के करीब होगी एक दो स्पॉन के बीच में दूरी।
90 करोड़ रुपए है पुल के निर्माण कार्य की प्रस्तावित लागत।
125 करोड़ तक लागत पहुंचेगी निर्माण कार्य पूरा होने तक।
2026 तक अब बनकर तैयार करने का लक्ष्य है।
कथन-
दोबारा शिलान्यास के बाद काम तेजी से बढ़ा है। बीच में बाढ़ की वह से थोड़ा सुस्त हुआ था, अभी तेजी से चल रहा है। लागत तो १125 करोड़ तक पहुंच सकती है, लेकिन निर्माण कार्य 2026 के तय समय से पहले पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।
मोहर सिंह जादौन, कार्यपालन यंत्री, ब्रिज कॉर्पोरेशन, ग्वालियर।
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