शेर पालने से अर्थ व्यवस्था नहीं सुधरती
दो हजार के नोट बंद करने के सवाल पर राजगोपालन कहा कि अर्थ व्यवस्था को ७५ साल में अंहिसक नहीं बना सके। ग्रामीण क्षेत्र में पूरी अर्थ व्यवस्था है वह हिंसक व्यवस्था है। शेर पालते हैं और आदिवासी से कहते हैं कि बाहर निकल जाओ। उन्होंने कहा कि लोगों की भागीदारी से अर्थव्यवस्था सुधर सकती है लेकिन सरकार ऊपर बैठे कुछ लोगों के हिसाब से तय करती है, उससे अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी।
दो हजार के नोट बंद करने के सवाल पर राजगोपालन कहा कि अर्थ व्यवस्था को ७५ साल में अंहिसक नहीं बना सके। ग्रामीण क्षेत्र में पूरी अर्थ व्यवस्था है वह हिंसक व्यवस्था है। शेर पालते हैं और आदिवासी से कहते हैं कि बाहर निकल जाओ। उन्होंने कहा कि लोगों की भागीदारी से अर्थव्यवस्था सुधर सकती है लेकिन सरकार ऊपर बैठे कुछ लोगों के हिसाब से तय करती है, उससे अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी।