कोर्ट ने वापस लौटा दी बस स्टैंड के लिए दान में दी जमीन नगर में बस स्टेंड का निर्माण करने 30 साल पूर्व डॉ आर गुप्ता एवं उनके परिजनों द्वारा मुरैना रोड पर स्थित स्वंय की जमीन दान मे दी गई थी। इसके बाद दान की जमीन में राज्य परिवहन निगम द्वारा बस स्टैंड का निर्माण भी कराया था। आगामी दस वर्ष तक यहां बस स्टैंड का संचालन भी हुआ, लेकिन इसके बाद बस स्टैंड परिसर में यात्री बसों का आना-जाना बंद हो गया। वही राज्य परिवहन निगम द्वारा दान की जमीन का सदुपयोग नहीं करने पर आठ साल पूर्व अंबाह एडीजे न्यायालय ने उक्त जमीन को दानदाताओं को वापस लौटा दिया। तभी से नगर के लोग बस स्टैंड का अभाव झेल रहे हैं।
पांच साल में शुरू नहीं हो सका अस्थाई बस स्टेंड नगर का यातायात सुगम रखने के लिए चार साल पहले तात्कालीन एसडीएम दिनेश चंद सिंगी एवं एसडीओपी किशोर सिंह भदौरिया द्वारा एमएलडी कॉलोनी के पास खाली पड़ी जमीन में अस्थाई बस स्टैंड संचालित करने की योजना तैयार की थी लेकिन इसके कुछ समय बाद एसडीएम का स्थानांतरण हो गया, वहीं एसडीओपी रिटायर्ड हो गए। इसके बाद आने वाले अधिकारियों ने नगर को बस स्टैंड की सुविधा मुहैया कराए जाने पर जोर नहीं दिया हैं।
जगह-जगह खड़े हो रहे यात्री वाहन नगर में चार जगह अघोषित रूप से बस स्टैंड संचालित हो रहे हैं। इनमें पोरसा तिराहा, जग्गा चौराहा, मुरैना तिराहा एवं नगर पालिका चौराहे पर न केवल यात्री वाहन खड़े रहते हैं, बल्कि भारी संख्या में लोडिंग वाहन भी खड़े हो रहे हैं। इस हालात में जगह-जगह वाहन खड़े होने से न केवल नगरवासियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है, बल्कि हमेशा ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है।