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पिता को मौत के घाट उतारने वाले पुत्र को आजीवन कारावास

locationमोरेनाPublished: Dec 03, 2022 04:47:45 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

– बेटा अपनी पत्नी को पीट रहा था, बचाने आए थे पिता

पिता को मौत के घाट उतारने वाले पुत्र को आजीवन कारावास

पिता को मौत के घाट उतारने वाले पुत्र को आजीवन कारावास

मुरैना. अम्बाह के द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार ने पिता की हत्या करने वाले पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शासन की ओर से मामले की पैरवी विशेष अपर लोग अभियोजक गणेश सिंह तोमर ने की। अभिभाषक तोमर ने बताया कि अंबाह न्यायालय ने आरोपी वीरेन्द्र सखवार निवासी ग्राम बुधारा को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए का अर्थदण्ड तथा धारा 325 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
अपर लोक अभियोजक तोमर के अनुसार फरियादिया संजू उर्फ बिट्टी ने रिपोर्ट की थी कि ८ जून 2020 को शाम करीबन 7 बजे की बात है मैं अपने घर के दरवाजे पर बैठी थी। मेरा लडक़ा विपुल एवं पुत्री वैष्णवी पास ही बैठे थे तथा मेरा पति वीरेन्द्र सखवार आया और मुझसे बोलने लगा कि तू मजदूरी कर और पैसे कमाकर ला तो मैंने अपने पति से कहा कि मेरे पेट में बच्चा है मैं मजदूरी नहीं कर सकती हूं मेरा पति चरित्र पर भी शंका करता है और फिर इसी बात को लेकर वे मुझे गालियां देने लगे और लात-घूसों से मारपीट करने लगे तथा मेरी बांये हाथ की दोनों उंगलियों को हाथ से पकडक़र मरोड़ दिया और मैंने इससे बचने का प्रयास किया तो ये घर के अंदर गया और पत्थर की सिल उठाकर लाया और मेरे सिर में दे मारी जो मेरे दाहिनी तरफ माथे में लगी तथा मेरे दोनों गालों में मुक्कों से मारपीट की एवं मेरी पीठ कमर आदि में भी मुक्कों से मारा जिससे मैं चिल्लाई तो मेरे ससुर आशाराम सखवार जो घर के बाहर खटिया पर सो रहे थे मुझे बचाने के लिए आए और मेरे गांव के सर्वेश धानुक, राकेश सखवार, डिंपल चाचा, वीर सिंह एवं मेरे चचिया ससुर विद्याराम आदि भी मुझे वीरेन्द्र से बचाने लगे तब मेरा पति वीरेन्द्र सखवार दौडक़र घर के अंदर गया और चाकू उठा लाया एवं मेरे ससुर आशाराम सखवार को जान से मारने की नियत से सीधा चाकू सबके सामने उनके सीने में घुसेड़ दिया एवं सीने में घुमा दिया। बाद में मेरा पति वीरेन्द्र सखवार भाग गया। मेरे गांव के सर्वेश धानुक, राकेश सखचार, डिंपल चाचा, वीर सिंह एवं चचिया ससुर विद्याराम ने आशाराम को संभाला और देखा तो आशाराम मर चुके थे। मेरे पति वीरेन्द्र सखवार ने मेरे ससुर आशाराम की उनके सीने में चाकू घोंपकर हत्या की हैं, ऐसी रिपोर्ट की गयी थी। अभियोजन के आरोपी वीरेन्द्र सखवार की पत्नी संजू उर्फ बिट्टी के कथन न्यायालय में हुये तथा शेष साक्षी पक्षद्रोही हो गये आरोपी की पत्नी एवं शासकीय कर्मचारियों की साक्ष्य के आधार पर सजा एवं जुर्माने से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण में दिनेश सिंह कुशवाह प्रधान आरक्षक की भी सक्रिय भूमिका रही है।
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