कलेक्टर ने कहा कि पीएम और सीएम किसान सम्मान निधि से मप्र के किसानों को १० हजार रुपए साल में मिलते हैं। इससे किसान बीज, खाद एवं अन्य छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेते हैं। इससे उन्हें अपनी उपज सस्ते में बेचने की मजबूरी से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन पटवारियों, सचिवों व जीआरएस की लापरवाही उदासीनता से यह लाभ मिलने में देर हो रही है।
पोरसा में आयोजित समीक्षा बैठक में पाया गया कि ग्राम पंचायत अधनपुर के पटवारी भोजराज यादव, विंडवा के पटवारी अरविन्द सिंह तोमर, बरबाई के पटवारी गौरीशंकर और ग्राम पंचायत रजौधा के पटवारी सकल मनोरथ पाठक ने उम्मीद के अनुरूप काम नहीं किया है। कलेक्टर ने चारों पटवारियों को निलंबित कर दिया है। 80 प्रतिशत से कम फीडिंग कार्य वाले पटवारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। 31 दिसंबर तक नामांकन, बंटवारा एवं सीमांकन का कार्य मौके पर जाकर करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने चेताया कि जनवरी माह में उनके द्वारा कैम्प लगाकर वी-1 का वाचन किया जाएगा। गांवों में कैंप लगाकर वे स्वयं बी-१ का वाचन करेंगे। इस दौरान कोई किसान नामांतरण, बंटवारा या सीमांकन की समस्या लेकर उपस्थित हुआत तो संबंधित पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कम बने आयुष्मान कार्ड, सचिव निलंबित : आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्राम पंचायत बिजलीपुरा में 21, मेहदौरा में 16 और ग्राम पंचायत नंद का पुरा में 22 कार्ड बनाने पर कलेक्टर ने इन पंचायतों के सचिवों को निलंबित कर दिया। संबंधित जीआरएस का 15-15 दिवस का वेतन काटकर राजसात किया गया। निर्माण एवं विकास कार्यो की समीक्षा में सब इंजीनियर डीएस भदौरिया द्वारा वर्ष 2018-19 में 16 कार्य लंबित बताए। इस पर सब इंजीनियर को भी निलंबित कर दिया गया। कलेक्टर ने गोशाला, राशन, पात्रता पर्ची, दिव्यांगों के फीडिंग के कार्यो की समीक्षा की। बीपीएम तपन मिश्रा द्वारा समूह के खाता खोलने में रूचि नहीं दिखाने में नोटिस दिया गया।
अंबाह में भी तीन पटवारी निलंबित, सचिवों पर भी कार्रवाई अंबाह में कलेक्टर ने कहा कि बहुत कम पटवारी ऐसे हैं जिन पर अतिरिक्त प्रभार हैं। इसके बावजूद सीएम एवं पीएम किसान सम्मान 78 प्रतिशत कार्य हुआ है, जबकि ८० प्रतिशत से नीचे पर नोटिस दिए जाने हैं। पटवारी हलका गंूज में कालीचरण, अहरौली में सोनू गुप्ता तथा किर्रायच में पूरन सखवार का कार्य संतोषजनक नहीं होने पर तीनों को निलबित कर दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि पटवारियों की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें शासकीय भूमि को आवासीय घोषित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में मुरैना जिले को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है। इसलिए 31 दिसंबर तक पटवारियों को क्षेत्र में पहुंचकर उन शासकीय भूमि को आवासीय भूमि घोषित करने के लिए पहचान करनी है। मकान हुए हैं तो उनकी भी पहचान करनी है। इसके बाद जनवरी में शासन स्तर से ड्रोन से सर्वे होगा। उसके माध्यम से 100 मीटर की ऊंचाई से फोटो क्लिक करके नक्शा तैयार होकर जिले को प्राप्त होंगे। उसके आधार पर कोई त्रुटि होगी तो उसे सुधारने का कार्य पटवारियों का होगा।
अपनी छवि सुधारें पटवारी कलेक्टर ने कहा कि पटवारियों की छवि लोगों मेें ठीक नहीं है, इसे सुधारें। शासन को आदेश जारी करने पड़े कि पटवारी सोमवार व गुरुवार को अपने प्रभार वाले मुख्यालय पर रहें। इसकी जरूरत क्यों पड़ी, इस पर मंथन जरूर करें।
इन पर भी की गई कार्रवाई -आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले को 12 लाख का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। अब तक २.९६ लाख ही बन पाए हैं। ग्राम पंचायत चांदपुरा, तुतवास, गूंज के पंचायत सचिव ने इसमें रुचि नहीं ली, इस पर तीनों को निलंबित कर दिया गया। जबकि इन पंचायतों के जीआरएस का 15-15 दिवस का वेतन राजसात कर लिया गया। उपयंत्री शरत मित्तल के विगत वर्षो में 36 कार्य लंबित पाए जाने पर कलेक्टर ने मित्तल को निलंबित करने के निर्देश दिए, जबकि उपयंत्री जेपी आर्य, आरएस भदौरिया द्वारा निर्माण कार्यो में कोई रूचि नहीं लेने पर एक-एक सप्ताह का वेतन और उपयंत्री संतोषीलाल त्यागी के 20 काम लंबित होने से 15 दिवस का वेतन काटकर राजसात करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने उपयंत्री शरत मित्तल को चेतावनी दी कि एक सप्ताह में 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर निलंबन से बहाल भी किया जा सकेगा। कार्य पूरा न होने पर सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी।