जिलेभर में आज से 24 घंटे के लिए चिकित्सा सेवाएं ठप
मोरेनाPublished: Jun 16, 2019 08:51:51 pm
बंगाल में चिकित्सकों के साथ मारपीट से गुस्साए आइएमए का निर्णय
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक में शामिल चिकित्सक।
मुरैना. पश्चिम बंगाल में एक 85 साल के बुजुर्ग की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत पर 200 लोगों ने हमला कर जूनियर डॉक्टरों को बेरहमी से पीटा। एक चिकित्सक के सिर में हड्डी को तोड़ती हुई गहरी चोट है और वह जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। इस घटना के विरोध में आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने 17 जून को चिकित्सा सेवाएं ठप करने का निर्णय लिया है।
रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई की आपात बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया गया है। बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई के सचिव डॉ. मनोज गर्ग ने बताया कि चिकित्सा सेवाएं 17 जून को सुबह छह बजे से 18 जून को सुबह छह बजे तक बंद रहेंगी। हालांकि एसोसिएशन ने मानवीय दृष्टिकोण से आपात चिकित्सा सेवाओं को चालू रखने की छूट प्रदान की है। डॉ. गर्ग के अनुसार कलकत्ता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स पर मरीज के परिवारजनों ने जानलेवा हमला किया था। 85 वर्ष के बुजुर्ग की मौत पर आरोपियों ने गाडिय़ों में भरकर लाए लगभग 200 लोगों के साथ कॉलेज के जूनियर चिकित्सकों पर जानलेवा हमला किया। हमले में एक चिकित्सक के सिर पर खोपड़ी को तोड़ते हुए गहरी चोट आई है। वह अभी भी मौत से लड़ रहा है व उसकी जान खतरे में है। इस स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों ने 17 जून को चिकित्सा सेवाओं को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत मुरैना जिले में सभी चिकित्सकीय सेवाएं 17 जून सुबह छह से 18 जून सुबह छह बजे तक (24) बंद रहेंगी। हालांकि मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए आकस्मिक सेवाओं को छूट प्रदान की गई है। जौरा में आइएमए के अध्यक्ष डॉ. सुरेश त्यागी ने भी बैठक करके आंदोलन की घोषणा की है। इसके पहले चिकित्सक 14 जून को काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से परेशानी आम मरीजों को ही उठानी पड़ती है।
मुश्किल होगी मरीजों को
जिला अस्पताल में ही इन दिनों औसतन एक हजार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। 150-200 मरीज रोज भर्ती भी हो रहे हैं, ऐसे में चिकित्सकों की हड़ताल से सेवाएं लडखड़़ा सकती हैं। इस हड़ताल में निजी चिकित्सक भी शामिल हैं। हालांकि सीएमएचओ डॉ. विनोद गुप्ता का कहना है कि हड़ताल के संबंध में उनके पास मप्र मेडिकल एसोसिएशन का कोई नोटिस नहीं आया है। ऐसे में यह भी संभव है कि सरकारी चिकित्सक हड़ताल में शामिल न हों।
…तो मिलेंगी वैकल्पिक व्यवस्थाएं
सीएमएचओ का दावा है कि मरीजों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। जिलेभर में सभी प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर आपात सेवाओं के लिए चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। जिला अस्पताल में भी मरीजों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। निजी सेवाएं प्रभावित रहने से सरकारी अस्पतालों पर भार बढ़ जाएगा। इसलिए दस्तक अभियान को भी दो दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। दस्तक में लगे स्टाफ को आपात सेवाओं के लिए बुला लिया है।
आंदोलन में यह मांगें शामिल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस हड़ताल के साथ कुछ मांगें भी रखी हैं।
पश्चिम बंगाल में बनी परिस्थिति में आरोपियों को तुरंत सजा देना।
चिकित्सकों पर हिंसा के विरुद्ध राष्ट्रीय कानून।
चिकित्सकों पर होने वाले हिंसा को बंद करने के लिए ठोस कदम उठाना। आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई व कम से कम सात वर्ष की सजा का प्रावधान हो।
शिकायत पर तुरंत पुलिस कार्रवाई होनी चाहिए।
चिकित्सालयों में चिकित्सकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।