लॉकडाउन के दिनों में प्रशासन ने पहले परचून की दुकानें बंद कराईं और फिर सब्जी मंडियां भी। हालांकि शहर में मिल्क पार्लरों को खुला रखने की छूट जारी थी, लेकिन गुरुवार की रात जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी कफ्र्यू संबंधी आदेश में मिल्क पार्लरों को भी बंद रखे जाने की बात कही गई है। कफ्र्यू घोषित होने के बाद शहर के विभिन्न हिस्सों में संचालित दूध की दुकानें भी बंद रहीं। इसलिए शुक्रवार को सैकड़ों परिवारों को दूध उपलब्ध नहीं हो सका। बता दें कि लोगों को घर पर ही राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने एक दर्जन मोबाइल वैन संचालित कर रखी हैं। इसके अलावा ढाई सौ से अधिक लोगों को हाथ ठेलों पर सब्जी बेचने के लिए पास जारी किए गए हैं, लेकिन घरों में दूध की सप्लाई का कोई इंतजाम प्रशासन ने नहीं किया है।
दूधिया भी नहीं निकले बाहर
शहर के कई हिस्सों में अभी भी सैकड़ों दूधिया साइकिलों अथवा मोटरसाइकिलों से दूध सप्लाई करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद ये लोग सप्लाई देने घरों तक नहीं पहुंच रहे हैं। अब कफ्र्यू घोषित होने के बाद तो उनके आने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। परेशान वे लोग भी हैं, जो शहर के आसपास के इलाकों से दूध लेकर आते थे, क्योंकि इन दिनों वे दूध लेने के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।