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किसानों को 1100 रुपए क्विंटल में बेचना पड़ रहा बाजरा

locationमोरेनाPublished: Nov 14, 2017 12:56:33 pm

समर्थन मूल्य के मानकों पर फेल, भावांतर का सिस्टम खराब

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मंडी में बाजरे की खरीद करते व्यापारी।

मुरैना. खरीफ में बाजरा उत्पादन करने वाले किसान इस साल परेशान हैं। गुणवत्ता के नाम पर उन्हें समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है और भावांतर योजना से सरकार ने बाजरे को बाहर रखा है। ऐेसे में किसान औने-पौने दाम में बाजरा बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 1425 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद करने वाली संस्थाएं इस बाजरे की गुणवत्ता खराब बताकर खरीदने से इनकार कर रही हैं। यही वजह है कि 10 दिन से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद जिले भर में रविवार को शाम की स्थिति में महज 279 मीट्रिक टन बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकी है। यह बाजरा भी नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में अब तक भंडारित नहीं किया जा सका है। कई सरकारी खरीद संस्थाएं इस आधार पर भी किसानों का बाजारा खरीदने से इनकार कर रही हैं। जिले की सबसे बड़ी मुरैना कृषि उपज मंडी समिति में भी किसानों को बाजारे का भाव 11 रुपए क्विंटल से भी कम मिल रहा है। किसानों ने मंडी में एक हजार से 1083 रुपए प्रति क्विंटल तक बाजारा सोमवार को बेचा है। किसानों को कहीं गेहूं की बोवनी के लिए खाद-बीज खरीदना है तो कहीं बेटी की शादी की तैयारियां करनी हैं। मंडी में आकर बाजरा 1083 रुपए क्विंटल पर बेचे जाने से इसका औसत भाव और कम रह जाएगा। क्योंकि ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाजरा लाने का किराया-भाड़ा अलग से देना पड़ेगा।
245 किसानों को मिलेगा भावांतर का लाभ
जिले में तिली की फसल भावांतर योजना में शामिल तो है, लेकिन इसका मंडी भाव समर्थन मूल्य से अधिक है। मंडी में तिली 6000 से 6400 रुपए क्विंटल तक बिक रही है, जो समर्थन मूल्य से तकरीबन 600 से एक हजार क्विंटल तक अधिक है। भावांतर योजना में जिन किसानों ने अपनी उपज बेची है उसमें तीन हजार क्विंटल से अधिक तो उड़द ही है। पांच क्विंटल मूंग भी किसानों ने भावांतर योजना में बेची है। मुरैना मंडी में तो इस योजना के तहत अपनी उपज बेचने वाले किसानों की संख्या महज पांच है।
भावांतर का भुगतान 20 के बाद
भावांतर योजना में सोमवार की स्थिति में यह तय नहीं है कि कितना भुगतान कब तक होना है, लेकिन उप संचालक किसान कल्याण व मंडी सचिव के नाम से सयुंक्त बैंक खाता इस योजना में भुगतान के लिए सोमवार को खोल दिया गया है।
फैक्ट फाइल
6000 किसानों ने पंजीयन कराया है भावांतर में
245 ने इस योजना के तहत बेची है अपनी उपज
279 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जा चुका है रविवार तक
1425 रुपए घोषित है बाजरे का समर्थन मूल्य
1000-1100 रुपए प्रति क्विंटल ही मिल पा रहा है मंडी में बाजरे का भाव
400 रुपए प्रति क्ंिटल तक कम मिल रहा बाजरे का भाव
25-30 किमी तक चलकर ट्रैक्टर ट्रॉली का किराया-भाड़ा देकर बाजरा बेचने मंडियों में पहुंच रहे हैं
हम 40 मन बाजरा लेकर मंडी आए, लेकिन यहां 1000 रुपए क्विंटल पर ही खरीदने की कोशिश की गई। बड़ी मुश्किल से 1083 रुपए क्विंटल का भाव मिला है। इसी में ट्रैक्टर से बाजारा लेकर आने और वापस जाने का किराया-भाड़ा भी शामिल रहेगा।
श्रीकृष्ण शर्मा, किसान, ग्राम सिकरौदा
हमारे गांव में तौल कांटा है नहीं। अंबाह में जाकर कई दिनों तक तौल नहीं होती। मजबूरी में मुरैना आकर 1083 रुपए क्विंटल पर बाजरा व्यापारियों को बेचना पड़ा। फरवरी में बेटी की शादी जो करनी है।
सुभाष शर्मा, किसान खडिय़ाहार
समर्थन मूल्य पर तो मानकों के अनुसार ही बाजरा खरीदा जाएगा। भावांतर योजना में ज्यादा माल नहीं आया है। 245 किसानों ने जिलेभर में बेचा है। भुगतान 20 नवंबर से शुरू करवा दिया जाएगा। आज बैंक में संयुक्त खाता खुलवा दिया गया है।
रविंद्र परिहार, सचिव कृषि उपज मंडी समिति
समर्थन मूल्य पर 279 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है। उसके भंडारण के लिए व्यवस्था कर ली गई है। मंगलवार से भंडारण शुरू हो जाएगा। इसके बाद खरीद भी तेज हो जाएगी।
मधुर खर्द, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम
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