विदित हो कि मुरैना नगर पालिका से नगर निगम बना था उसी समय कमिश्नर रहे रूपेश उपाध्याय ने शहर में ऐसे कई पार्क विकसित किए जिनमें मिट्टी डलवाकर तार फेसिंग की गई थी। इस पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे। इनमें कमिश्नर कॉलोनी का पार्क भी शामिल था। यहां लाखों रुपए खर्च कर पार्क विकसित किया गया था। तार फेसिंग कर उसमें कुर्सी, फव्वारा, लाइटिंग के अलावा पेबर ब्लॉक लगवाए गए थे। लेकिन कुछ समय बाद ही उस पार्क की हालत जीर्णशीर्ण हो गई। उसके तार गायब होने के साथ उसमें अंदर लगाया सामान भी गायब हो गया। अब नगर निगम ने फिर से उसके कायाकल्प के लिए 15 लाख रुपए का ठेका दिया है। लेकिन बाउंड्री पूरी हो पाती, उससे पहले नगर निगम का खजाना खाली हो गया और कार्य अधूरा पड़ा है। स्थिति यह है कि बाउंड्री से ईंट निकलना शुरू हो गईहैं। जिसको आवश्यकता होती है, वह दस बीस ईंट उस बाउंड्री से निकालकर अपने घर के कार्य में प्रयोग कर रहा है। अगर समय रहते यह पार्क विकसित नहीं किया गया तो इसका भी पुराने पार्क जैसा ही हस्त्र हो सकता है।
कॉलोनी के बीचों-बीच है पार्क
इस पार्क कमिश्नर कॉलोनी के बीचों-बीच है। इसके विकसित होने से इस कॉलोनी के अलावा पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के लोगों के लिए एक अच्छा स्थान तैयार हो जाएगा। लोगों के लिए मॉर्निंग वाक के अलावा सर्दियों में धूप सेकने के लिए कॉलोनी के बीच यह पार्क सार्थक होगा। लेकिन इसका निर्माण रुक जाने से लोग उदास हैं और उनका कहना हैं कि पार्क का निर्माण जल्द पूरा हो, जिससे फिर से कॉलोनी के बीच हरा भरा स्थान विकसित हो सके।
15 लाख की लागत से कमिश्नर कॉलोनी के पार्क का जीर्णोद्धार होना हंै। निर्माण कार्य किया जा रहा था लेकिन ठेकेदार के यहां शादी आ गई वहीं नगर निगम में पैसा नहीं था इसलिए फिलहाल काम रुका हुआ है। लेकिन जल्द पूरा कराया जाएगा।
केके शर्मा, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम, मुरैना