विजयपुुर में – 66.43 फीसदी
सबलगढ़ में – 56.00 फीसदी
जौरा में – 47.00 फीसदी
सुमावली में – 48.00 फीसदी
मुरैना में – 49.00 फीसदी
दिमनी में – 49.50 फीसदी
अम्बाह में – 50.50 फीसदी
बतां दें कि ग्वालियर चंबल लोकसभा क्षेत्र में 4 लोकसभा सीटें हैं,जिन पर रविवार सुबह 7 बजे से ही मतदान शुरू हो गया । सुबह से ही मुरैना-श्योपुर सीट पर मतदान शुरू हो गया। इस दौरान लोगों में वोट देने को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। यहां से कांग्रेस की ओर से रामनिवास रावत मैदान में है तो वही भाजपा की ओर से नरेंद्र सिंह तोमर मैदान में है। बतां दे कि इस सीट पर बीजेपी लगातार जीतती आ रही है।
मंडप से उठकर आई युवती वोट डालने
शहर में रहने वाली युवती दुर्र्गेश मुदगल की रविवार को ही शादी थी। वह मंडल से उठकर जनपद पंचायत कार्यालय परिसर स्थिति मतदान केंद्र क्रमांक 108 पर वोट डालने पहुंचीं। उन्होंंने कहा कि लोकतंत्र में एक-एक वोट का महत्व है, इसलिए हमने पहले वोट डालना जरूरी समझा। दुर्गेश का लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान था। वहीं मतदान केंद्र क्रमांक 120 जेएस पब्लिक स्कूल पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में दूल्हा संदीप राठौर मंडल से बारात ले जाने से पहले वोट डालने पहुंचा। जनपद पंचायत के मतदान केंद्र में पहली बार वोट डालने आईं रेनू ने बताया कि उन्होंने विकास को ध्यान में रखते हुए अपना मतदान किया है।
बुजुर्गों, दिव्यांगों में भी दिखाई दिया उत्साह
मतदान के प्रति सुबह बुजुर्गों व दिव्यांगों में भी उत्साह दिखाई दिया। गणेशपुरा के मतदान केंद्र क्रमांक 153 पर दिव्यांग अमिल शर्मा व्हीलचेयर पर बैठकर वोट डालने पहुंचे। वहीं ननि स्थित आदर्श मतदान केंद्र पर संजय कॉलोनी निवासी शमद खान अपना वोट डालने पहुंचे। अपनी पत्नी के साथ पहुंचे शमद खान का कहना था कि वे हर चुनाव में मतदान करते हैं। समाजसेवी और वयोवृद्ध चिकित्सक डॉ केएल राठी भी व्हीलचेयर पर बैठकर ननि स्थित आदर्श मतदान केंद्र पर अपना वोट करने पहुंचे। जनपद पंचायत स्थित मतदान केंद्र पर वोट 70 साल की जावित्री देवी ने अपने बेटे के साथ आकर वोट डाला। उन्होंने कहा कि यह हमारा अधिकार है और हम हर चुनाव में प्रयोग करते हैं। मणिपुर में पदस्थ सेना के जवान रामअख्त्यार प्रजापति ने कहा कि वे देश की सरकार में अपना योगदान चाहते हैं, इसलिए अवकाश लेकर मतदान करने आए हैं।
…तब कार्यकर्ताओं ने चुप कराई बच्ची
नगर निगम कार्यालय परिसर स्थित मतदान केंद्र क्रमांक 83 एक महिला मतदान करने आई। उसके साथ करीब दो साल की एक बच्ची थी। बच्ची को को बाहर खिलौने और टॉपी देकर महिला मतदान करने चली गई। इस दौरान जब बच्ची रोने लगी तो वहां मौजूद करीब आधा दर्जन आशा कार्यकर्ताओं ने उसे खिलौने देकर, गोदी में उठाकर दुलार करके चुप कराया। सुबह से ऐसा कई बच्चों के साथ हुआ।