मुरैना. बीते दो दिनों शहर में हुईबारिश के बाद शहर में कई सड़कों पर कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो गईहै। सीवर लाइन के लिए खुदाई के बाद मरम्मत के इंतजार में पड़ीं तकरीबन २० किलोमीटर लंबी सड़कों पर इस समय कीचड़ के कारण वाहनों का आवागमन तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। यह समस्या लोगों को हर बार बारिश के बाद झेलनी पड़ रही है।
शहर में पहले मंगलवार और फिर बुधवार की शाम से लेकर रात तक बारिश हुई। जिसकी वजह से उन तमाम सड़कों पर कीचड़ हो गया, जिन्हें सीवर लाइन डालने के लिए खोदा जाने के बाद रिपेयर नहीं किया गया है। क्योंकि इन सड़कों पर अभी भी मिट्टी पड़ी हुई है। चूंकि शहर के अधिकांश क्षेत्रों में काली और चिकनी मिट्टी है, इसलिए इस पर पानी गिरने से फिसलन होने लगी है। उल्लेखनीय है कि सीवर लाइन डाले जाने के लिए पहले चरण में अब तक 80 किलोमीटर लंबी सड़कों को खोदा जा चुका है। खास बात यह कि इनमें से 20-22 किलोमीटर सड़कों की लंबे समय बाद भी मरम्मत नहीं की गईहै। इस वजह से जब भी बारिश होती है, संबंधित क्षेत्रों में कीचड़ के कारण फिसलन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। वर्तमान में शहर के तमाम रिहायशी इलाकों जैसे गणेशपुरा,
तुलसी कॉलोनी, केशव कॉलोनी, जीन सहित कुछ मुख्य सड़कें कीचड़ से सन गई हैं। इनमें जेल रोड, नाला नंबर एक के किनारे वाली रोडसहित अन्य सड़कें शामिल हैं। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि वे अब तक कईबार कीचड़ की समस्या से रूबरू हो चुके हैं। इसके बावजूद सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
धूप में होती है धूल की समस्यासीवर लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों की रिपेयरिंग में देरी के कारण होने वाली परेशानी स्थाई बन चुकी है। दरअसल जब-जब बारिश होती है तो सड़कें कीचड़ से सन जाती हैं। इसके विपरीत तेज धूप में कीचड़ सूखने के बाद सड़कों पर धूल उडऩे लगती है। उल्लेखनीय है कि सड़कों पर धूल उडऩे के कारण शहर के सभी क्षेत्रों के लोग परेशान हैं। इस वजह से एलर्जी, दमा और सांस के रोगियों की संख्या भी शहर में बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि न जाने कब तक उन्हें सरकारी सुस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
हिदायत के बावजूद मरम्मत नहींशहर में बदहाल पड़ी सड़कों की मरम्मत के
काम में सुस्ती का आलम बरकरार है। हैरत की बात यह कि इस मसले पर आला अधिकारियों की हिदायत भी सीवर निर्माण एजेंसी पर बेअसर साबित हो रही है। उल्लेखनीय है कि पाइप लाइन डाले जाने के लिए खुदाई के एक हफ्ता बाद ही सड़कों की मरम्मत कराई जानी चाहिए। लेकिन शहर में कई सड़कें पिछले दो-तीन माह से रिपेयरिंग के इंतजार में हैं। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार सहित नगर निगम आयुक्त कई बार निर्देश दे चुके हैं कि मरम्मत का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।