बताया जा रहा है कि नगरपालिका शहर की समस्याओ को लेकर बेखबर है। नालियां जाम हैं और गंदगी के ढेर लगे हैं। इससे कई पार्षद भी नाराज हैं और जनता भी आवाज उठाती रही है। लेकिन इसके बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई तो कुछ दबंग पार्षदों ने ही कार्यालय पर ताला जड़ दिया। किसी ने ताल डालते किसी को देखा तो नहीं है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है। इसके बाद अधिकारियों में खलबली मची और ताले खुलवाने के प्रयास शुरू हुए। तब दोपहर करीब दो बजे कार्यालय के ताले खुले। इसके बावजूद कोई अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालय में इस डर से बैठने नहीं पहुंचे कि कहीं फिर से बाहर से ताला लगाकर उन्हें कैद न कर दिया जाए। ताला किसने डाला इस पर रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि करीब 70 हजार की आबादी वाले पोरसा शहर में नगरपालिका की व्यवस्था बेहद खराब हैं।