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नौ समस्याएं आई, सिर्फ एक का हो सका निराकरण

locationमोरेनाPublished: Jan 06, 2021 06:00:05 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

सालई में लगा जन समस्या निवारण शिविर

नौ समस्याएं आई, सिर्फ एक का हो सका निराकरण

नौ समस्याएं आई, सिर्फ एक का हो सका निराकरण


मुरैना. सालई ग्राम पंचायत में बुधवार को जन समस्या निवारण शिविर लगाया गया। जन सममस्याओं के निवारण हेतु घाटी क्षेत्र का यह चौथा शिविर था इससे पहले तीन शिविर गोवरा, बमसौली और बेरखेरा ग्राम पंचायत में लग चुके है। सालई ग्राम पंचायत में लगे जन समस्या निवारण शिविर में आम जन की समस्यायों को सुना गया और उनका समाधान किया गया। इस शिविर में सालई पंचायत के साथ साथ धरसोला पंचायत की शिकायतों को भी सुना गया। जनसमस्या निवारण शिविर में एसडीएम अंकिता धाकरे, कृषि विभाग एसडीओ जसवंत सिंह छावई, विसराम शाक्य, विद्याराम शाक्य, सरपंच कृष्णपाल सिंह जादौन सहित प्रशासन के आधा दर्जन से अधिक अधिकारी उपस्थित रहे। जन समस्या निवारण शिविर में शिकायतकर्ताओं की काफी भीड़ रही। शिविर में पेंशन, सडक़, सुरक्षा, पानी, कृषि खाद्यान, जमीन, छात्रवृत्ति, दिव्यांग भत्ता और मध्यान्ह भोजन सहित सभी आमजन की शिकायतों को सुना गया। एसडीएम धाकरे के द्वारा सभी की शिकायतों को क्रम से सुना गया और आश्वासन दिया कि सभी की शिकायतों का निवारण जल्द से जल्द कर दिया जाएगा। समस्या निवारण शिविर में 9 शिकायती आवेदन प्राप्त हुए। इसमें से एक शिकायत का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया। शेष शिकायतों के आवेदनों को लेकर सम्बन्धित विभाग को सूचित किया गया है। ग्राम पंचायत सालई के सरपंच कृष्णपाल सिंह जादौन और ग्राम वासियों ने जर्जर हो चुके डैम के मरम्मत की मांग की। ग्रामवासियों ने बताया कि डैम में दरारें पड़ चुकी है और उसके गेट भी जर्जर हो चुके है।
सचिव नहीं कर रहे पदभार ग्रहण
सालई में लगे जनसमस्या निवारण शिविर में धरसोला ग्रामवासियों ने कहा कि धरसोला ग्राम पंचायत में सचिव का पद रिक्त है। सचिव पद पर नियुक्त बीरबल जाटव ने अभी तक अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कृषि अधिकारी ने दिए खाद के प्रयोग से समन्धित सुझाव
शिविर में कृषि एसडीओ जसवंत छावई ने खेत में खाद के उपयोग से संबंधित सुझाव दिए और बताया कि आज के समय में किसानों के द्वारा पतला खाद प्रयोग किया जा रहा है जो गुणवत्ता के मुकाबले में मोटे खाद की अपेक्षा कम है। पतले खाद के मुकाबले मोटे खाद से फसल को लंबे समय तक अधिक पोषकतत्व और खनिजांश प्राप्त होते है।
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