अब तीन कट्टा खाद के लिए दो दिन खाने होंगे किसान को धक्के
मोरेनाPublished: Oct 25, 2021 10:08:26 pm
– कृषि मंडी परिसर में पहले पैसे जमाकर टोकन के लिए अब खाद के लिए एक दिन बाद फिर लगना होगा लाइन में
अब तीन कट्टा खाद के लिए दो दिन खाने होंगे किसान को धक्के
मुरैना. अब प्रशासन की नई व्यवस्था के तहत किसान की परेशानी और बढ़ गई है। किसान को तीन कट्टा खाद के लिए एक दिन नहीं बल्कि दो दिन लाइन में लगकर धक्के खाने होंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए लेकिन त्यौहार के समय पर किसान को दिन लाइन में लगना पड़ रहा है, वह भी पर्याप्त खाद न मिलते हुए सिर्फ तीन कट्टे खाद मिल रहा है।
सोमवार को अल सुबह से ही करीब एक हजार किसान कृषि मंडी परिसर में वेयर हाउस पर लाइन में लग चुके थे। चूंकि काउंटर एक ही था, इसलिए किसानों की संख्या बढ़ती गई और देखते ही देखते लंबी लाइन लग गई। सोमवार को किसानों से पैसे जमा कराकर टोकन दिया गया। उस पर खाद मिलने तारीख २६ अक्टूबर यानि कि मंगलवार अंकित था। सोमवार को लाइन में लगकर घंटो समय बर्बाद कर किसानों ने टोकन लिया और अपने अपने घर चले गए अब मंगलवार को फिर से उनको अलसुबह से लाइन में लगना होगा तब कहीं उनकी बारी आने पर खाद मिल सकेगा। किसानों का कहना था कि त्यौहार पर घर परिवार के तमाम काम रहते हैं। उन कामों को छोडक़र आना पड़ता है। न तो काम और न खाद समय पर मिल पा रहा है। इसलिए समय की बर्बादी हो रही है।
अब तीन कट्टे से ज्यादा नहीं मिलेगा खाद ……….
प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर किसानों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। अब प्रशासन ने जो व्यवस्था की है, उसके हिसाब से किसान किताब लेकर आएगा, उस पर खाद की एंट्री की जाएगी। जिस किसान की किताब पर एंट्री हो गई, उसको दोबारा खाद नहीं मिलेगा। जिस किसान के पास पांच बीघा की बोवनी हैं और उसको तीन कट्टे खाद से क्या होगा। इसको लेकर किसानों के बीच काफी चर्चा थी।
कथन
– हमको छह बीघा में बोवनी करनी हैं और खाद मिल रहा है सिर्फ तीन कट्टे। पहले भी कई बार आए लेकिन लाइन में धक्का खाकर लौट गए। अब तीन कट्टे से कैसे पूर्ति होगी।
राजपाल सिंह, किसान
– यह प्रशासन की व्यवस्था परेशानीदायक है क्योंकि टोकन के लिए आज घंटों लाइन में धक्का खाने पड़े और अब मंगलवार को फिर से इसी तरह लाइन में लगकर धक्का खाने होंगे तब खाद मिल सकेगे।
रमेश शर्मा, किसान
– पिछली साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा खाद बंट चुका है फिर भी किसानों की लाइन खत्म नहीं हो रही है। अब नई व्यवस्था की गई है, किताब पर एंट्री की जा रही है। जिस किताब पर खाद चढ़ गया, उसको दोबारा खाद नहीं दिया जाएगा।
अजय शर्मा, तहसीलदार, मुरैना