एक टिड्डी दल बाहर से गुजरा, दूसरा हमले को तैयार
सब्जियों और ग्रीष्मकालीन फसलों पर टिड्डीदल का खतरा फिलहाल टल गया है। राजस्थान से आ रहा यह दल श्योपुर और विजयपुर के पास बुढ़ेरा गांव से पहाडग़ढ़ के कन्हार और देवरा तक आने के बादी ग्वालियर और शिवपुरी की ओर मुड़ गया है।
मुरैना. इससे जिले के कृषि अधिकारियों, वैज्ञानिकों और किसानों ने राहत की सांस ली है। हालांकि 1 किमी का क्षेत्र घेरते हुए एक दल पहाडग़ढ़ की सीमा तक आने की खबर है, लेकिन वह कहीं खेतों, पेड़ों और फसलों पर नहीं उतर पाया।
जिला प्रशासन के पास टिड्डीदल के आने की खबर 3 दिन पहले से थी। खबर मिली कि गुरुवार को यह दल श्योपुर और शुक्रवार को सुबह तक मुरैना जिले के सबलगढ़, पहाडग़ढ़ ब्लॉक में आ सकता है। इसे देखते हुए कृषि विभाग ने उप संचालक कार्यालय में 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही तीन टीमें सबलगढ़, कैलारस और पहाडग़ढ़ में सक्रिय कर दी थीं। शुक्रवार को सुबह उप संचालक किसान कल्याण पीसी पटेल भी पहाडग़ढ़ पहुंचे और दिन भर वहीं रहकर निगरानी करते रहे। हालांकि दोपहर में ही पता चल गया था कि टिड्डीदल सुबह मुरैना जिले की सीमा से पहले ही शिवपुरी और ग्वालियर की ओर चला गया है। लेकिन खबर थी कि वह कई हिस्सों में बंट गया है इसलिए अधिकारियों को आशंका थी कि कोई दल इधर भी आ सकता है। ऐसे में दिन शाम साढ़े छह बजे तक कृषि विभाग की टीम पहाडग़ढ़ में ही डेरा डाले रही। खबर थी कि 10 किमी लंबाई में और 3 किमी चौड़ाई घेरकर राजस्थान की ओर से टिड्डी दल मप्र में प्रवेश करने के बाद श्योुपर होते हुए मुरैना आ सकता है। उडऩे तक तो तो खतरा नहीं है लेकिन यदि यह किसी पेड़, फसल या खेतों में बैठ गया तो उसे चौपट कर डालता है। इन दिनों किसान सब्जियों के अलावा ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द व अन्य खेती भी करते हैं, इसलिए उनकी चिंता बढ़ी हुई थी। उप संचालक किसान कल्याण कार्यालय में एसएडीओ व जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष प्रभारी अशोक सिंह गुर्जर के अनुसार विभाग ने पहले से ही प्रबंधन के तहत ग्रामीणों को भी तैयार कर लिया था और विभाग की टीमें भी बॉर्डर पर ही तैनात थीं। हालांकि दल जिले में ज्यादा नहीं घुसा और ग्वालियर की ओर चला गया।
गांव वाले भी थे तैयार पर जरूरत नहीं पड़ी
पहले से ही ग्रामीणों को भी सूचना थी। इसलिए उन्होंने शेर मचाने, स्पे्र करने सहित टिड्डी दल के भगाने के तमाम इंतजाम कर लिए थे। ट्रैक्टरों को साइलेंसर निकालकर तैयार कर लिए थे ताकि तेज आवाज हो सके ओर टिड्डी दल का हमला होने से रोका जा सके।
टला नहीं है टिड्डी दल का खतरा
टिड्डी दल के हमले का खतरा अभी भी बना हुआ है। कृषि अधिकारियों की मानें तो एक दल अभी भी राजस्थान के जोधपुर क्षेत्र में है और इसके कल तक मप्र की सीमा में आने की आशंका है। इसके लिए एसएडीओ सहित मैदानी अमले को अलर्ट पर रखा गया है। ग्रामीणों और किसानों को भी सतर्क किया गया है।
कथन-
श्योपुर की ओर से आ रहा टिड्डी दल पहाडग़ढ़ के देवरा व कन्हार गांव के ऊपर से ही शिवपुरी व ग्वालियर की ओर मुड़ गया। इससे यहां फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन अभी एक और दल के जोधपुर से इधर ही आने की खबर है, हालांकि हमारी टीमें और क्षेत्र के किसान सतर्क हैं।
पीसी पटेल, उप संचालक किसान कल्याण, मुरैना।
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