– चिकित्सकों के क्लीनिकों के अंदर नियम विरुद्ध संचालित हैं लैब व कलेक्शन सेंटर- नहीं हैं पंजीयन फिर भी संचालित हो रहे सेंटर, विभाग नहीं करता मॉनीटरिंग
कबाड़ के बीच संचालित पैथोलॉजी लैब, बोर्ड और न संसाधन
मुरैना. शहर में दो दर्जन पैथोलॉजी लैब व कलेक्शन सेंटर संचालित हैं। लेकिन इनमें से कुछ ही हैं जो संचालन के नियमों का पालन कर रहे हैं। कुछ लैब व कलेक्शन सेंटर दुकानों में कबाड़ के बीच संचालित किए जा रहे हैं, वहां न साफ सफाई और न मरीजों के लिए बैठने व पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। अधिकांश चिकित्सकों के निजी क्लीनिकों के अंदर संचालित हैं। कुछ सेंटर ऐसे भी हैं जहां जांच रिपोर्ट पर एडवांस में चिकित्सक के हस्ताक्षर कराकर रख लिए और जांच सेंटर पर बैठने वाले कर्मचारी ही तैयार कर देते हैं। यहां बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में करीब दो दर्जन पैथोलॉजी लैब व कलेक्शन सेंटर पंजीकृत हैं जबकि शहर में आधा सैकड़ा पैथोलॉजी लैब व कलेक्शन सेंटर नियम विरुद्ध संचालित हैं। बिजली घर के सामने स्थित एक निजी नर्सिंग होम में संचालित न्यू मेट्रो पैथोलॉजी लैब पर मरीज बनकर पत्रिका प्रतिनिधि पहुंचे तो वहां देखा कि जिस दुकान को वह पैथोलॉजी बता रहे थे, उसमें कबाड़ भरा था, एक कर्मचारी टेबिल पर सो रहा था, मरीज के लिए बैठने तक की जगह नहीं थीं, पूरी लैब में सपोगेशन था, बाहर कोई बोर्ड भी नहीं लगा था। पत्रिका प्रतिनिधि ने मरीज बनकर पैथोलॉजी कर्मचारी मोहम्मद जावेद से बातचीत की, उसके कुछ अंश इस प्रकार हैं- सवाल: जांच करानी हैं, सेंपल कौन लेगा? जवाब: जांच हो जाएगी, सेंपल दे दो। सवाल: यहां जांच कौन करेगा और रिपोर्ट कब मिलेगी। जवाब: आपको इससे क्या मतलब, आप तो कल जांच ले लेना। सवाल: यहां कोई चिकित्सक तो है नहीं, फिर कैसे होती है जांच। जवाब: डॉ. महेश श्रीवास्तव जांच करेंगे, आप तो सेंपल दे जाओ। सवाल: ये कौन सी पैथोलॉजी लैब है, इसका पंजीयन है क्या। जवाब: यह न्यू मेट्रो पैथोलॉजी के नाम से है और पंजीयन होना मौखिक रूप से बताया। सवाल: स्वास्थ्य विभाग में तो आपकी पैथोलॉजी पंजीकृत नहीं हैं। जवाब: हमने वर्ष 2009 में पंजीयन कराया था, अभी तक होना चाहिए। थाराइड की जांच में दी मरीज को अलग अलग रिपोर्ट पिछले महीने मुरैना शहर की तीन लैब पैथोलॉली से ब्रजेश शर्मा ने थायराइड की ब्लड सेंपल देकर अलग अलग तीन लैब पैथोलॉजी से जांच कराई, तीनों की रिपोर्ट अलग अलग पाई गई। जिससे मरीज असमंजस में पड़ गया। पैथोलॉजी लैब खोलने के लिए ये आवश्यक – कर्मचारी पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त पैथोलॉजी में आकदमिक डिग्री होना चाहिए। – एमसीआई से अभ्यास का लाइसेंस हो। – बायोकेमिस्ट, असिस्टेंट पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के साथ साथ लैब टेक्नीशियन जैसे पदनामों में समान रूप से योग्य कर्मचारी हों और उनको प्रयोगशाला मशीनों को सम्हालने अर्थात संचालन का ज्ञान हो। – राज्य प्रदूषण बोर्ड से अपशिष्ट उत्पादन की स्वीकृति हो। – अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र हो। – नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र हो। – साफ सुथरे वॉशरूम, अच्छी रोशनी, हर समय साफ सुथरे कमरे, विकलांग मरीजों के लिए व्हीलचेयर और साफ पेयजल की व्यवस्था हो। – लैब में अच्छा बेंटीलेशन होना चाहिए। – मरीजों के लिए बैठने की आरामदायक व्यवस्था होना चाहिए। फैक्ट फाइल – 25 के करीब लैब व कलेक्शन सेंटर हैं स्वास्थ्य विभाग से पंजीकृत। – 50 से अधिक लैब व कलेक्शन सेंटर संचालित हैं शहर में। – 10 के करीब लैब व कलेक्शन सेंटर हैं एम एस रोड पर। – 15 के करीब लैब हैं जो नियमानुसार संचालित हैं। कथन – शहर में जहां जहां शिकायत मिलती है, उन लैब की जांच कराई गई है। आगे भी जांच करवा लेंगे, जो नियम विरुद्ध संचालित मिलेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉ. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना
चिकित्सकों के यहां संचालित है नियम विरुद्ध कलेक्शन सेंटर शहर के अधिकांश चिकित्सक के यहां नियम विरुद्ध कलेक्शन सेंटर संचालित हैं। जहां एक कर्मचारी हर समय मौजूद रहता है। वह चिकित्सक के कहने पर मरीज का ब्लड सेंपल लेकर अपने मनमाफिक लैब से जांच कराकर रिपोर्ट चिकित्सक के यहां भिजवा देंते हैं।