scriptपेड़ काटते पकड़े लोग, नेता अपनी गारंटी पर ले गया छुड़ाकर | People caught cutting trees, the leader took away his guarantee | Patrika News

पेड़ काटते पकड़े लोग, नेता अपनी गारंटी पर ले गया छुड़ाकर

locationमोरेनाPublished: May 15, 2020 06:08:36 pm

थाना प्रभारी ने खुद कबूल की पकडऩे और बिना कार्रवाई के छोडऩे की बात

पेड़ काटते पकड़े लोग, नेता अपनी गारंटी पर ले गया छुड़ाकर

स्कूल के पास काटे गए पेड़।

पोरसा. सरकारी अमले से जुड़े लोग गैरकानूनी कार्रवाई के नियमों को अपने हिसाब से परिभाषित कर रहे हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरे पेड़ काटने के आरोप में पकड़े गए कुछ लोगों को पुलिस ने एक भाजपा नेता की गारंटी पर ही छोड़ दिया। हैरत की बात यह कि जिस राजस्व अधिकारी की सूचना पर पुलिस ने उन्हें पकड़ा, उन्होंने भी इस संबंध में कोई जवाब-तलब नहीं किया।
दो दिन पहले सिलावली गांव में हाईस्कूल भवन के पास खड़े पेड़ों को कुछ लोगों ने काट दिया। गांव में से ही किसी ने इस आशय की सूचना तहसीलदार को दी तो उन्होंने नगरा थाना की पुलिस टीम को कार्रवाई के लिए कहा। पुलिस बल मौके पर पहुंचा और पेड़ काटने वाले लोगों को उनके औजारों सहित पकड़ कर ले आया। पुलिस ने कुछ समय बाद ही उन्हेंं जाने दिया। जब इस संबंध में नगरा थाना प्रभारी नरेश निरंजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो लोग लकड़ी काटते हुए पकड़े गए थे। उन्हें भाजपा के नेता धर्मेन्द्र उपाध्याय छुड़ाकर ले गए। उन्होंने गारंटी दी थी कि अब ये लोग कभी भी ऐसा काम नहीं करेंगे। जब नगरा थाना प्रभारी से यही बात पूछी गई तो वे बोले कि इस मामले में तो वन विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन जब उनसे कहा गया कि क्या पुलिस ने वन विभाग को गिरफ्तारी की सूचना दी थी तो वे कोई जवाब नहीं दे सके। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पेड़ काटने वालों को छोडऩे से पहले उन्होंने तहसीलदार को बता दिया था। कुल मिलाकर हरे पेड़ काटने जैसे संगीन मामले में पुलिस और राजस्व विभाग की भूमिका संदेह के घेरे में है। जिन ग्रामीणों ने पेड़ काटे जाने की सूचना दी थी, उनका भी कहना है कि सरकारी अमले का कोई भरोसा नहीं रहा तो इस तरह की सूचनाएं देकर आपस में बैर भाव क्यों लिया जाए।

लकड़ी का भी पता नहीं


खास बात यह कि सिलावली में हाईस्कूल के पास से काटे गए पेड़ों की लकड़ी भी गायब है। अर्थात पेड़ काटने वाले तो छूट ही गए, जो लकड़ी उन्होंने काटी थी वह भी गायब है, जबकि वन विभाग के रेंजर दीपक शर्मा का कहना है कि यदि अपराध रेवेन्यू की जमीन पर हुआ है तो कार्रवाई राजस्व विभाग को ही करनी चाहिए। यही नहीं, जिन लोगों पर आरोप है, उनसे लकड़ी के मूल्य की वसूली भी की जानी चाहिए।
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