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कोतवाली में पैसों के लिए क्यों आ रहे लोग

locationमोरेनाPublished: Jul 25, 2020 11:39:22 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

– चिटफंड कंपनी पर लोगों का करीब चार करोड़ से अधिक बकाया, नहीं कर रही पैसा रिफंड

कोतवाली में पैसों के लिए क्यों आ रहे लोग

कोतवाली में पैसों के लिए क्यों आ रहे लोग

मुरैना. साहब! पति कैंसर से पीडि़त है कर्ज निकालकर इलाज करा रहे हैं, चिटफंड कंपनी में हमारा एक लाख 46 रुपए फंसा है। पिछले लंबे समय से चक्कर लगवा रहे हैं लेकिन हमारा पैसा रिफंड नहीं कर रहे। अगर पैसा मिल जाता तो पति का इलाज के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाने पड़ेंगे। उक्त परेशानी अंजू बांदिल पत्नी राकेश बांदिल निवासी झंडा चौक मुरैना ने थाना प्रभारी सिटी कोतवाली अजय चानना के समझ व्यक्त की।
उक्त महिला ने कहा कि अगर पैसा नहीं मिला तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। चिटफंड कंपनी से पीडि़त लोगों की सुनवाई के लिए सिटी कोतवाली में लगाए शिविर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां करीब आधा सैकड़ा से अधिक लोग पहुंचे, उनका कहना था कि चिटफंड कंपनी पर करीब चार करोड़ की लोगों की देनदारी है लेकिन चक्कर लगवा रही है।
इसी तरह छोटी बजरिया निवासी कैलाश चंद अग्रवाल ने कहा कि उसका उक्त चिटफंड कंपनी पर करीब पांच लाख रुपए हैं, उनको वापस नहीं कर रही है, जबकि ये पैसा हमने नातिन की शादी के लिए इनवेस्ट किया था। अब नवंबर में नातिन की शादी आ गई और कंपनी पैसा वापस नहीं कर रही है। ऐसे दर्जनों लोग कोतवाली पहुंचे जिनके पैसा कंपनी वापस नही कर रही है। कोतवाली में शिकायत लेकर पहुंचे शिवकुमार मिश्रा एडवोकेट ने बताया कि उसके क्लाइंटों के ही करीब डेढ़ करोड़ रुपए बकाया है। थाना प्रभारी ने हर व्यक्ति की समस्या सुनी और एक रजिस्टर में एंट्री कर ली है। वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर आगामी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
उपभोक्ता से निकासी फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाकर कर दीं एफडी

शिकायतकर्ताओं का कहना हैं कि जो पॉलिसी वर्ष 2017 में पूरी हो चुकी हैं, उनको पहले दो साल फिर पांच साल के लिए फिर से जमा करवा दिया गया। अब वह समय भी पूरा हो गया लेकिन चिटफंड कंपनी द्वारा पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। वहीं पैसा मांगते हैं तो अधिकारियों द्वारा अभद्रता की जाती है। उपभोक्ताओं से पैसा निकासी के फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा कर नकद राशि लेकर उक्त कंपनी के विभिन्न प्रोडक्ट के नाम से एफडी कर दी हैं। उसमें भी अगर पांच हजार की है तो 4700 और बीस हजार की है तो 19700 अर्थात सम राशि की एफडी एक भी नहीं बनाई गई है।
-चिटफंड कंपनी के लोग शिविर में अपनी अपनी समस्या लेेकर आए थे। उनमें ’यादातर चिटफंट कंपनी के लोग थे। सबकी समस्या लिख ली है, वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

अजय चानना, टी आई, सिटी कोवातली
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