कर्ज लेकर बनाया प्रधानमंत्री आवास, दूसरी और तीसरी किस्त अटकी
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र परिवारों को सपना बिखरता हुआ दिख रहा है। मेहनत-मजदूरी करके जैसे-तैसे गृहस्थी का संचालन कर रहे लोगों ने सिर पर पक्की छत की आस में कर्ज लेकर मकान तैयार करवा लिए, लेकिन तीन साल में आवास की दूसरी और तीसरी किस्त तक नहीं मिल पाई है।

मुरैना. कर्ज लेकर आवास निर्माण कराने के बाद उसमें रह रहे हितग्राहियों पर कर्ज वापसी के लिए लेनदारों का दबाव निरंतर बढ़ रहा है। ऐसे परेशान हो चुके हितग्राहियों की आंखें छलक आती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सितंबर 2020 के दूसरे सप्ताह में कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित कार्यक्र्रम में नगरीय क्षेत्र के करीब ढाई सौ हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित भवनों की चाबियां सौंपी थीं। इनमें से कई लोग इन आवासों में सुविधाओं के अभाव में गए नहीं थे। लेकिन जिन लोगों ने अपनी जमीन पर आवास निर्मित कराए हैं, वे भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं। फाटक बाहर वार्ड क्रमांक 27 रामनगर की कुम्हार गली में रहने वाले अजय पुत्र रामसेवक को 30 जनवरी 2019 को एक लाख रुपए की किस्त मिली थी। उसके बाद अब तक दूसरी और तीसरी किस्त का इंतजार है।
समय पर किस्त मिलने की उम्मीद में कराया निर्माण
हितग्राहियों को उम्मीद थी किस्त समय पर मिलती जाएगी तो देनदारिया चुका देंगे। लेकिन जनवरी 2019 में एक लाख रुपए की पहल किस्त प्राप्त करने वाले कई हितग्राहियों को दूसरी किस्त तक नहीं मिल पाई है। दूसरी किस्त के उपयोग का प्रमाण-पत्र देने और मूल्यांकन होने के बाद तीसरी किस्त दिए जाने का प्रावधान है। हितग्राहियों ने सिर पर अपनी छत के सपने को साकार करने के लिए कर्ज ले लिया और निर्धारित समय में ही आवास निर्माण करवा दिया, लेकिन अब उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं। कर्ज देने वालों ने वापसी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
80 से ज्यादा प्रकरण नगर निगम क्षेत्र में
शासन से बजट प्राप्त होने तक नगर निगम ने हितग्राहियों के बैंक खातों में एक लाख रुपए की पहली किस्त जनवरी 2019 में जमा करवाने के बाद दूसरी किस्त राशि का सही उपयोग करने पर देने की बात कही थी। लेकिन २०१८ में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद के बाद एक लाख रुपए की दूसरी किस्त जमा नहीं हो पाई। नगर निगम क्षेत्र मेंं दूसरी और तीसरे किस्त का इंतजार करने वाले हितग्राहियों की संख्या 80 से अधिक है। इसके बाद 50 हजार रुपए की तीसरी किस्त दी जाएगी। एक हितग्राही को 2.5 लाख रुपए में सरकार घर बनवाकर दे रही है या वे स्वयं बना रहे हैं।
...तो बेचना ही पड़ेगा पीएम आवास
पीएम आवास योजना के हितग्राही अजय शर्मा बताते हैं कि डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज लेकर उन्होंने आवास तैयार करवा लिया था। खुशी थी कि सरकार के प्रयासों से उन्हें स्वयं की पक्की छत मिल पा रही है। किराए के मकानों में रहकर परेशान होने से निजात मिल गई है। इसलिए आवास बेचने का मन नहीं करता। बिटिया की दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रवेश हो गया है, उसके लिए भी खर्च बढ़ेगा। साइकिल पर दूध बेचकर जैसे-तैसे बेटी को पढ़ाने का प्रबंध कर रहे हैं। ऐसे में यदि पीएम आवास की बकाया दूसरी व तीसरे किस्त न मिली तो आवास ही बेचना पड़ेगा।
कथन-
पीएम आवास योजना में कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिल पाई है। अभी वीसी में यह बता दिया गया है कि एक सप्ताह में यह राशि जारी कर दी जाएगी। इसके तुरंत बाद हितग्राहियों को राशि उनके बैंक खातों में दे दी जाएगी।
अमरसत्य गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम, मुरैना।
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