गुरुवार को कमिश्नर चंबल संभाग ने कफ्र्यू के दौरान सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे। उसी के तहत पुलिस सुबह से सडक़ों पर उतर पड़ी और राहगीर से शहर में निकलने का वाजिब कारण पूछा गया। वहीं पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी करने अस्पताल जा रहे थे तभी पुलिस ने उनको डंडे मारे और उनकी बाइक रख ली। कर्मचारियों ने अपने आई कार्ड भी दिखाए और कहा कि हम पशु चिकित्सालय जा रहे हंै, वहां पर कर्मचारी हैं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। बाद में अस्पताल के पशु चिकित्सक व कर्मचारी पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने गए लेकिन वह नहीं मिले। उनकी अनुपस्थिति में डीएसपी मुख्यालय ने उनकी फरियाद सुनी और उन्होंने कोतवाली थाना प्रभारी को फोन किया तब उनकी बाइक वापस मिल सकी।