मंगलवार को शनिधाम तक पहुंचने की उम्मीद है। यात्रा में संत हरिगिरि के आधा दर्जन से अधिक शिष्य, समाजसेवी और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हैं। वर्ष 2017 में यही यात्रा शनि पर्वत से चंबल के विंडवा घाट तक निकाली गई थी। इसके बाद शराबबंदी संकल्प बैठकेें, महापंचायतें और पदयात्राएं निकाली गईं। लेकिन तीन साल से यह मुहिम हल्की पड़ गई थी। जनवरी के दूसरे सप्ताह में छैरा और आसपास के गांवों में जहरीली शराब से 27 लोगों की मौत के बाद बाबा हरिगिरि ने एक बार फिर पहल की है। इस बार पहले ही संदेश दे दिया गया है कि इस अभियान को कोई हाइजेक करने का प्रयास न करे। यात्रा के मार्ग में पडऩे वाले गांवों के लोगों के साथ बैठक करके संत समाज शराब के दुष्परिणामों पर जागरुक कर रहे हैं। इससे व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे हैं। खबर है कि इस पदयात्रा को लेकर संत ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से भी चर्चा की है और उन्होंने शराबबंदी मुहिम को अ‘छी पहल बताया है। दो दिन पहले ही संत एक पंचायत में शराब बंदी वाले गांवों में ठेके खोलने, शराब बेचने, पीने आदि को लेकर तीखे विरोध की चेतावनी दे चुके हैं। 2017 में भी ऐसे विवाद हुए थे, लेकिन इसके बावजूद मुहिम रुकी नहीं थी।
शीतला मंदिर प्रबंधन ने की थी आपत्ति शराबबंदी आंदोलन पदयात्रा से पूर्व रविवार को शीतला माता सांतऊ प्रबंधन समिति ने मंदिर से यात्रा शुरू किए जाने पर आपत्ति जताई थी। प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह गुर्जर ने इस यात्रा के जरिए भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री को चुनौती दिए जाने की बात करते हुए मंदिर प्रांगण को राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल नहं करने की बात कही थी।
-मध्यप्रदेश में शराब बंदी हो इसके लिए आज से पैदल यात्रा शुरू की गई है। यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से गैर राजनीतिक निकाली जा रही है। यात्रा में संत व आमजन शामिल है। हम यात्रा के जरिए गांवों में शराब बंदी के खिलाफ जागरुक करेंगे।
हरिगिरी महाराज, संत, विडंवा आश्रम, चंबल मुरैना -मंदिर में दर्शनों के लिए किसी को रोक नहीं सकते। हरिगिरी महाराज समेत संत व अन्य लोग आए मंदिर में दर्शन किए और यात्रा शुरू की। यात्रा शुरू करने से पहले न कोई मंच बनाया था न ही किसी प्रकार की राजनीति की बात हुई इसलिए मंदिर से यात्रा निकालने दी।
राजेन्द्र सिंह गुर्जर, अध्यक्ष, शीतला माता सांतऊ प्रबंधन समिति, ग्वालियर