scriptगोशाला नहीं बन पाएगी आरामगाह, एसी, सोफा, बेड का प्रस्ताव खारिज | Proposal for AC, sofa, bed in Goshala rejected | Patrika News

गोशाला नहीं बन पाएगी आरामगाह, एसी, सोफा, बेड का प्रस्ताव खारिज

locationमोरेनाPublished: Feb 19, 2020 12:45:43 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

देवरी गोशाला परिसर अब आरामगाह नहीं बनेगी। यहां 4 एसी, सोफा और बेड की व्यवस्था के प्रस्ताव को प्रबंधन समिति ने नोंक-झौंक के बीच रद्द कर दिया। हालांकि सदस्यों ने इसके लिए किसी तरह के सरकारी खर्च न करने की बात कहकर प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन बाकी सदस्य इस पर सहमत नहीं हुए।

देवरी गोशाला

समिति की बैठक में तकरार करते संरक्षक व सदस्य।

मुरैना. दोपहर 3 बजे के बाद शुरू हुई बैठक देर शाम तक चली। इस दौरान गोशाला को दिए गए चारे का बकाया करीब 45 लाख रुपए के भुगतान के बदले 5 लाख रुपए देने के प्रस्ताव का मुद्दा भी समिति की बैठक में उठा लेकिन समिति ने इसे टाल दिया। हालांकि बैठक में हंगामे के आसार देखते हुए आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने प्रारंभ में ही यह कह दिया था कि पुरानी बातों को भूलकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। बैठक में तय किया गया कि बुधवार को सुबह आधा दर्जन सदस्य गोशाला पहुंचेंगे और उसके बाद बाकी 20 लोगों को भी बुलाएंगे और वहीं बैठकर नए सिरे से गोशाला संचालन की रणनीति बनाएंगे। समिति के संरक्षक अशोक सिंह भदौरिया और गोशाला को भूसा आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के बीच आयुक्त के चैंबर में बैठक के दौरान ही भुगतान के लिए पैसे ऑफर करने के मुद्दे जमकर तकरार हुई। स्वास्थ अधिकारी ललित शर्मा, अशोक सिंह भदौरिया, संजय शर्मा, महेश शर्मा, राम कुमार बैसला, अनिल दीक्षित आदि मौजूद रहे।
समिति के स्वरूप को लेकर असमंजस की स्थिति
समिति में अध्यक्ष के तौर पर कोई अधिकृत तौर पर सामने नहीं आया है। किसी को संरक्षक और किसी को समन्वयक बनाया गया है। 25 के करीब इसमें सदस्य हैं और उनमें से अधिकांश के बीच खींचतान है। गोशाला में भूसे की कमी और उससे मौत की खबरों को लेकर भी समिति के एक सदस्य ने स्वीकारा कि उन्होंने ही यह खबरें लीक की थीं।
बैठक में यह लिए गए निर्णय
-गोशाला में कोई भी व्यक्ति गाय को दे सकता है कि उसके लिए उसे 4 किलो भूसा प्रतिदिन के हिसाब दो माह का स्टॉक जमा कराना होगा।
-गोशाला में 3 दिन का भूसा स्टॉक में हर समय उपलब्ध रखा जाएगा।
-एक थ्रीडी मशीन 70 हजार रुपए प्रतिमाह पर किराए पर रहेगी। यह 24 घंटे गोशाला पर रहेगी और किसी दूसरे कार्य में नहीं जाएगी।
-बीमार गोवंश दवा की व्यवस्था की जिम्मेदारी सभी सदस्यों की रहेगी। यदि निगम व्यवस्था नहीं कर पा रहा है तो सदस्य आपस में सहयोग कर राशि जुटाएंगे।
-गोशाला में 16 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके बाद यदि कोई किसी व्यक्ति को रखना चाहता है तो वह अपनी जेब से 5 हजार रुपए हर माह उसे भुगतान करेगा।
-गोमूत्र का सदुपयोग करने के लिए एक समर्पित गोसेवक को जिम्मेदारी दी गई। इसके बदले में वह गोशाला में गायों की सेवा भी करेगा।
-एक मात्र पशु एंबुलेंस का संचालन वैसे तो नगर निगम क्षेत्र में ही किया जाएगा। लेकिन यदि समिति के सदस्य अनुमति देंगे तो 10 किमी के दायरे में सेवाएं दी जा सकेंगी।
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