
मुरैना. इन दिनों चंबल में सर्द हवा और कोहरे के बीच जिस ओर आपकी नजर जाएगी उस तरह आपकी आंखों को सकून देने वाले पीले फूल दिखाई देंगे। यह फूल चंबल के किसानों की समृद्धि और खुशहाली के है।
चंबल की माटी सरसों की खेती के लिए पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर मानी जाती है, इसीलिए चंबल अंचल में सरसों की खेती बहुतायत में होती है। करीब तीन दशक पहले डकैतों के लिए मशहूर चंबल घाटी में अब पीला सोना सरसों की रौनक बिखेर रही है। सरसों के उत्पादन ने मुरैना जिले को कश्मीर की वादियों जैसा खूबसूरत बना दिया है। सैकड़ों हेक्टेयर रकबे में इन दिनों सरसों की फसल लहलहा रही है। सरसों के पीले फूलों को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानों इन दिनों चंबल ने पीली चादर ओड़ ली हो। किसानों को भी सरसों की फसल से अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। क्षेत्र में ज्यादातर सरसों की फसलों में पीले फूल खिले हैं। फलियां आनी शुरू हो चुकी है। जिसकी देखभाल में किसान जुटे हुए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी सरसों की फसल को लेकर किसानों को आगामी बीमारियों को लेकर कुछ सलाह दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सरसों के खेतों में पीले फूल ग्रामीणों को दूर से ही आकर्षित कर रहे हैं। मुरैना जिले के सभी क्षेत्रों में खेतों में सरसों की फसल पीले सोने की चादर की तरह दिखने से आकर्षण का केंद्र बन रही है।
कथन
Published on:
07 Jan 2025 03:40 pm
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