script

बारिश से बदला मौसम , गर्मी से राहत, उमस बरकरार

locationमोरेनाPublished: Jun 16, 2019 07:42:35 pm

रुक-रुककर हुई बारिश में पारा छह डिग्री तक गिरा

Morena News, Morena Hindi News, Mp News, Morena, rain, weather, humidity intact

बारिश के दौरान सडक़ से गुजरते लोग।

मुरैना. पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को दोपहर में मध्यम गति से करीब एक घंटे रुक-रुककर बारिश हुई। बारिश के साथ चली तेज हवाओं ने लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी, लेकिन बूंदाबांदी शुरू होते ही बिजली गुल हो जाने से लोगों को दोपहर में गर्मी से परेशान होना पड़ा। दोपहर एक बजे गुल हुई बिजली तीन बजे बहाल हो सकी।
शनिवार को दिन में चटक धूप थी और शाम को बादल होने लगे। रात को बादलों के साथ तेज हवाएं चलती रहीं, लेकिन रविवार को सुबह फिर चटक धूप निकली। इससे लोग उमस और गर्मी से परेशान होने लगे, लेकिन दोपहर होने तक मौसम का मिजाज अचानक बदला और तेज हवाओं के साथ बूंदें पडऩा शुरू हो गईं। इसके साथ ही बिजली गुल हो गई। करीब 10 मिनट बाद बारिश थम गई तो लोगों को लगा कि अब उमस और गर्मी फिर बढ़ेगी, लेकिन थोड़ी ही देर में फिर बारिश होने लगी और यह सिलसिला करीब दो बजे तक रुक-रुककर चला। इससे लोगों को गर्मी से फौरी तौर पर राहत मिली है और उमस भी कम हुई।
जून के दूसरे सप्ताह में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। हालांकि बाद में 12-13 जून को बादल, बंूंदाबांदी और तेज हवओं से पारा 13 जून को दिन में 40 डिग्री सेल्सियस तक आ गया था, लेकिन 14 एवं 15 जून को तापमान में फिर से वृद्धि होने लगी थी। जब रविवार को दिन में तेज हवाओं के बाद बारिश शुरू हुई तो तापमान शनिवार को 42 डिग्री सेल्सियस की तुलना में घटकर 36 डिग्र्री सेल्सियस पर आ गया, लेकिन चार बजे तक धूप निकलने के बाद उमस फिर बढ़ गई और इस दौरान बिजली आपूर्ति भी ठप होने से लोग परेशान होते रहे। तीन दिन से शहर में बारिश और हवाओं के नाम पर फाल्ट एवं अन्य तकनीकी खामियों के चलते अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। मौसम विज्ञानियों ने सोमवार और मंगलवार को भी बारिश जारी रहने के संकेत दिए हैं। हालांकि तीन दिन में औसत बारिश 12 एमएम के करीब ही रहने के संकेत हैं। गर्मी से बेहाल 78 साल के बुजुर्ग आत्माराम शर्मा कहते हैं कि इस बारिश से फसलों की तैयारियों पर तो खास असर पडऩे वाला नहीं है, लेकिन लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी, पेड़-पौधों को भी लाभ मिलेगा। हालांकि अभी मानसून के पहले की तेज बारिश की दरकार है। मंगलवार को नया पूर्वानुमान आने के बाद मौसम की जो स्थिति बनेगी, किसान उसी हिसाब से खेती की तैयारियोंं को आगे बढ़ाएंगे। किसान श्रीकृष्ण सिंह कहते हैं कि इस साल रेकार्ड गर्मी पड़ी है, जिससे खेत भी खूब तपे हैं। इस स्थिति में दो-तीन बार झमाझम बारिश के बाद ही खेतों में जुताई की स्थिति बन सकती है। हालांकि कुछ किसानों ने निजी साधनों से पलेवा करके अरहर की बोवनी की तैयारी कर ली है।
गली-मोहल्लों मेें फिसलन बढऩे से लोग परेशान
बारिश हालांकि ज्यादा नहीं हुई, इसके बावजूद खुदी पड़ी या कच्ची सडक़ों पर गली-मोहल्लों में फिसल बढ़ गई है। फाटक बाहर लालौर मौजे में काशीपुरा नवीन बस्ती में रहने वाले रवि बित्तल के अनुसार सडक़ें कच्ची होने से थोड़ी सी बारिश में ही लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शहर में जहां सीवर लाइन का कार्य चल रहा है वहां खुदी पड़ी सडक़ों पर लोग परेशान हैं। बैरियर चौराहे पर भी फ्लाइओवर के पिलर तैयार होने के बाद स्लीपर चढ़ाने का काम चल रहा है। यहां यातायात को व्यवस्थित करने के लिए धौलपुर रोड साइड के बस स्टैंड को एबी रोड पर बंद कर दिया गया है। अब दोनों बस स्टैंड की बसें एक ही जगह से रवाना हो रही हैं और प्रवेश कर रही हैं। धौलपुर रोड साइड के बस स्टैंड के सामने फ्लाइओवर के स्लीपर चढ़ाने का काम पूरा होने के बाद इस बस स्टैंड को खोल दिया जाएगा और बैरियर चौराहे वाले को खोल दिया जाएगा।
एपीसी की बैठक में तय होगी खरीफ की रणनीति
खाद्य उत्पादन आयुक्त की 18 जून को ग्वालियर में प्रस्तावित बैठक में खरीफ फसलों को लेकर संभाग भर की रणनीति तय की जाएगी। मुरैना जिले में करीब 2.70 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलें ली जाती हैं। बारिश की संभावना को देखते हुए लक्ष्य थोड़ा कम-ज्यादा होता रहता है। अच्छी बारिश होने पर खरीफ में बाजरे का रकबा एक लाख हेक्टेयर से ऊपर तक चला जाता है। खरीफ की प्रमुख फसल बाजरा की बोवनी किसान 15 अगस्त तक किसान करते हैं। अरहर की बोवनी समय आ गया है और किसान तैयारी में जुटे हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो