आरक्षण बचाओ मोर्चा ने गुरुवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की थी। हालांकि यह गोपनीय घोषणा थी, लेकिन पुलिस के पास इसकी खबर पहले से थी। इसलिए गुरुवार को सुबह से ही पुलिस अलर्ट थी। भारी संख्या में पुलिस बल पंचायती धर्मशाला एवं पुलिस लाइन में एकत्र करके रखा गया था। वहीं सुबह से ही सक्रिय पुलिस ने प्रमुख मार्गों और संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग भी की। प्रशासन व पुलिस के पुख्ता प्रबंधकों के चलते कार्यक्रम स्टेडियम में ज्ञापन तक ही सिमट कर रह गया। आरक्षण बचाओ मोर्चा ने 10 जनवरी का कार्यक्रम गोपनीय रखा, लेकिन इस बार पुलिस का खूफिया तंत्र सक्रिय रहा और पहले ही पता चल गया।
यह लोग कुछ कर पाते या स्टेडियम में अपनी संख्या दिखा पाते उससे पहले ही पुलिस ने उत्तमपुरा, सिंघल बस्ती, तुस्सीपुरा सहित अन्य बस्तियों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया। उधर एडीशनल एसपी अनुराग सुजानिया के नेतृत्व में पुलिस पार्टियां शहर में सुबह से ही गश्त पर निकल पड़ी हैं। वहीं सभा स्थल स्टेडियम के आसपास भी भारी मात्रा में फोर्स तैनात कर दिया था और हर स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली थी। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी स्टेडियम में पहुंच गए, जिससे वह लोग सडक़ों पर निकल ही न पाएं, उनसे वहीं पर ज्ञापन ले लिया जाए।
इस बार पुलिस व प्रशासन की रणनीति के चलते कार्यक्रम स्टेडियम में सिर्फ ज्ञापन तक ही सिमट कर रह गया। उधर आंदोलनकारियों को इस बात की भनक लग गई कि पुलिस पूरी तरह सक्रिय हो गई है। इसलिए बहुत कम लोग सभा स्थल पर पहुंच सके। मंच पर भंते, जीतेन्द्र बौद्ध, दीपक बौद्ध, रामनरेश डबोरिया, वर्षा डबोरिया पार्षद, रवि वित्तल सहित अन्य लोग मौजूद रहे। स्टेडियम में पार्षद गब्बर सिंह भी पहुंचा था, लेकिन अधिकारियों के बीच बैठा रहा, सभा स्थल पर नहीं पहुुंचा। आरक्षण बचाओ मोर्चा ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया।