शताब्दी एक्सप्रेस के साथ हुए हादसे के चलते अपट्रेक पर लंबी दूरी वाली पंजाबमेल, छत्तीसगढ़, मंगला, ताज, खजुराहो इंटरसिटी सहित आधा दर्जन रेल गाडियां भी लेट हो गई। ऊंट के टकराने से शताब्दी एक्सप्रेस के इंजन में खराबी आ गई थी और ट्रेन खड़ी हो गई।
अनुकंपा नियुक्ति पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारी के परिवार में अनुकंपा नियुक्ति को अवैध करार दिया
धौलपुर से मुरैना के बीच चंबल पुल से निकलने के बाद ही बीहड़ों से निकले ऊंट के टकराने से हादसा हो गया। चारों तरफ वीरान चंबल के बीहड़ को देखकर यात्री भी गाड़ी में बैठे रहे। कुछ दशक पहले तक यह इलाका डॉकुओं के आतंक के लिए जाना जाता था। हालांकि आज चंबल के बीहड़ों में डाकू नहीं है फिर भी यहां के लोगों के जहन में उनका खौफ बना रहता है।
बताया जा रहा है कि राजस्थान के धोलपुर से चंबल के बीहड़ शुरू हो जाते हैं जो एमपी के मुरैना तक हैं। इसी इलाके में नई दिल्ली से आते समय शताब्दी एक्सप्रेस गुजर रही थी तभी ट्रेन ऊंट गाड़ी के सामने आ गया और उससे टकरा गई। जिसके चलते शताब्दी एक्सप्रेस रुक गई और उसके इंजन में खराबी आ गई।
शताब्दी एक्सप्रेस के हादसे की सूचना सेहड़कंप मच गया। रेलवे ने त्तकाल दूसरे इंजन की व्यवस्था की और ग्वालियर से दूसरा इंजन भेजा गया। इसी पूरी कवायद में ट्रेन दो घंटे तक बीहड़ में खड़ी रहा। घटना के बाद दिल्ली से लंबी दूरी तक जाने वाली पंजाबमेल, छत्तीसगढ़, मंगला, ताज, खजुराहो इंटरसिटी सहित आधा दर्जन गाडियां भी साढ़े चार घंटे तक लेट हुईं है।