जानकारी के मुताबिक चैन्नई से हुंडई कंपनी की छह लक्जरी कार लादकर कंटेनर रुद्रपुर के लिए जा रहा था। ग्वालियर निकलने के बाद सुबह करीब साढ़े सात बजे से चालक ने कंटेनर को हाइवे किनारे एक होटल के सामने खड़ा किया और सडक़ पार करके होटल पर चाय पीने चला गया।
इस दौरान तेज हवाएं चलीं और 11 केवि विद्युत लाइन में हुई स्पार्किंग से कंटेनर में आग लग गई। कंटेनर में मौजूद अग्नि शमन यंत्रों के साथ आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ। आग लगने के तुरंत बाद ही फायर ब्रिगेड को कॉल किया लेकिन दो घंटे तक आग बुझाने के कोई ठोस प्रयास नहीं हो सके।
स्थानीय स्तर पर लोगों ने आग बुझाने के प्रयास किए, लेकिन वे भी कामयाब नहीं हो पाए। कंटेनर मालिक सुनील तोमर का कहना था यदि कॉल करने के 10-15 मिनट में फायर ब्रिगेड मौके पर आ जाती तो नुकसान के बचाया जा सकता था। क्योंकि जब आग कंटेनर के टायरों में ही लगी थी तभी कॉल कर दिया गया था। करीब एक घंटे बाद बानमोर नप से जो फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, उसमें पानी कम होने से ज्यादा प्रेशर नहीं बन पाया और आग पर काबू नहीं पाया जा सका। बानमोर की फायर ब्रिगेड फेल हो जाने के बाद ग्वालियर और मुरैना खबर की गई। ग्वालियर व मुरैना से चार फायर ब्रिगेड जब तक मौके पर पहुंची, कंटेनर व कार खाक हो चुकी थीं। कंटेनर मालिक का कहना था कि हाइवे और औद्योगिक क्षेत्र होने से बानमोर में फायर फाइटिंग सिस्टम और मजबूत होना चाहिए।