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समर्थन मूल्य पर बाजरा तुलाई को लेकर सोसाइटियों पर चल रहा भ्रष्टाचार

locationमोरेनाPublished: Nov 23, 2020 11:38:01 pm

एक सप्ताह तक किसान खरीद केंद्रों पर पड़े रहते हैं

समर्थन मूल्य पर बाजरा तुलाई को लेकर सोसाइटियों पर चल रहा भ्रष्टाचार

जाबरौल में खरीद केंद्र के बाहर खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉलियां।

सबलगढ़. समर्थन मूल्य के खरीद केंद्रों पर बाजरा बेचने पहुंच रहे किसानों की दुर्गति हो रही है। त्योहार के पहले तक से किसान खरीद केंद्र पर पड़े हैं और आठ हजार रुपए तक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का भाड़ा दे चुके हैं। किसानों का कहना है कुछ दिन और पड़े रहे तो पूरा बाजारा ट्रैक्टर-ट्रॉली के भाड़े में ही बिक जाएगा। पूर्व में दिए गए टोकनों को रोज रद्द किया जा रहा है। तौल कांटों की संख्या भी कम है। दावा चार का किया जा रहा है और चालू महज दो तौल कांटे हैं।

सोमवार को सहकारी संस्था जाबरौल स्थित खरीद केंद्र पर 50 किलो 100-200 ग्राम की जगह 51 किलो 800 ग्राम और 52 किलो तक के कट्टे तुले हुए मिले। इस प्रकार एक कट्टे पर किसानों को 1.5 किलो तक की चपत लगाई जा रही है। जाबरौल खरीद केंद्र पर किसान 10-15 दिन से पड़े हैं। जिला पंचायत के पूर्व सदस्य कमल रावत ने गंभीर शिकायतों के बाद सोमवार को खरीद केंद्र का निरीक्षण किया तो किसानों की पीड़ा खुलकर सामने आई। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें टोकन देने के बावजूद माल नहीं तौला जा रहा है, जबकि 100 रुपए प्रति क्विंटल पर बीच में आने वाले लोगों का बाजरा तौला जा रहा है। जाबरौल सोसाइटी के अंतर्गत लगभग 50 गांव आते हैं। खरीद केंद्र पर व्याप्त अव्यस्थाओं को लेकर पूर्व सदस्य जिला पंचायत रावत ने कलेक्टर अनुराग वर्मा से भी चर्चा की। कलेक्टर ने मंगलवार को एक दल भेजकर व्यवस्था दिखवाने और गड़बड़ी पाए जाने पर सहकारी संस्था प्रबंधन व अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की बात कही है।

किसानों के साथ तौल में भी छलावा


किसानों की बाजरा की फसल की तुलाई में सोसाइटी प्रत्येक 50 किलो की तौल में 1 से 1.5 किलो ज्यादा तौल रही है। करीब 10 किसानों के कुछ कट्टे दोबारा तुलवाए तो 500 ग्राम से 1.5 किलो तक ज्यादा माल निकला। कुछ कट्टों में तो 51.800 किलो तक बाजरा निकला, जबकि बोरी का वजन महज 100 ग्राम दर्ज है। किसानों ने यह भी कहा कि किसानों ने 1300 रुपए में बाजारा खरीदकर बिचौलियों द्वारा 2150 रुपए में सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचा जा रहा है। ग्राम पिपरघान के किसान पातीराम, वासुदेव रावत एवं माखन रावत का कहना था कि 50 किलो 200 ग्राम की जगह 51 किलो 800 ग्राम तक तौलकर किसानों को चपत लगाई जा रही है।

क्या कहते हैं किसान


मंगलवार को हम एक हजार रोज भाड़े पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर आए थे। एक सप्ताह पूरा हो गया, करीब आठ हजार रुपए भाड़ा हो गया, 20 हजार का कुल बाजारा है। दो -चार दिन और निकल गए तो भाड़े में ही बाजरा पूरा लग जाएगा। खाने-पीने का भी इंतजाम नहीं।
वेदप्रकाश शर्मा, किसान, खेड़ा-डिगवार
खाद्य निरीक्षक से मिला था, उन्होंने आश्वासन दिया था कि बाजरा शीघ्र तुल जाएगा। 21 तारीख को तुलना था फिर 23 को कह दिया। पता चला कि सोसाइटी पर जगह खाली नहीं है और कहा था कि खाली करवाते हैं, लेकिन फिर भी समस्या यथावत है।
पवन शर्मा, किसान, खेड़ा-डिगवार
13 तारीख को बाजरा लेकर आए थे, अब तक बाजरा तुल नहीं पाया है। पहले जारी किया गया टोकन निरस्त कर 21 नवंबर के लिए दूसरा दिया था। 11वां नंबर था इसमें मेरा, फिर उसे भी निरस्त कर दिया। 23 नवंबर के लिए एक और टोकन दिया था, लेकिन इसमें भी नहीं तुल पाया।
सियाराम धाकड़, किसान कीरतपुर
किसानोंं की कई दिनों से शिकायतें आ रही थीं। सोमवार को जाबरौल खरीद केंद्र का निरीक्षण किया तो शिकायतें सही पाई गईं। समिति प्रबंधक मौके पर नहीं मिले तो हमने कलेक्टर से चर्चा की। कलेक्टर ने चर्चा कर समाधान का आश्वासन दिया है।
कमल सिंह रावत, पूर्व सदस्य जिला पंचायत
जाबरौल सोसाइटी से कई दिनों से शिकायतें आ रही हैं। हम जांच करके शीघ्र प्रतिवेदन भेजेंगे।
बीएल सेमिल, प्रभारी, जाबरौल सोसाइटी
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