रविवार रात को पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया को सूचना मिली कि आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी जिले से एक कंटेनर से गांजे की एक बड़ी खेप मुरैना में खपाने लाई जा रही है। एसपी ने एएसपी हंसराज सिंह के निर्देशन में जौरा एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया और अंबाह एसडीओपी अशोक जादौन के नेतृत्व में दो अलग-अलग टीम गठित की।
जैसे ही कंटेनर के मुरैना आने की सूचना मिली जौरा एसडीओपी ने अपनी टीम के साथ सर्चिंग शुरू की, लेकिन गांजा तस्कर कच्चे रास्ते से पोरसा की तरफ गाड़ी ले गए। पुलिस ने घेराबंदी कर पोरसा थाना क्षेत्र के अटेर-अंबाह बायपास पर मंसूरपुरा के पास ट्रक नंबर एमपी 06 सी 0963 को पकड़ लिया। तलाशी ली गई तो इस ट्रक से 845 किलो गांजा मिला। आरोपियों ने ट्रक की बॉडी में
एक ऐसा पोर्शन तैयार किया कि किसी को शक ही न हो। जब भी कोई चेकिंग होती तो कह दिया जाता कि खाली ट्रक है माल भरने जा रहा है। ऐसा पिछले एक साल से चल रहा था। लेकिन इस बार सूचना पुख्ता थी इसिलए आरोपी पकड़े गए। गांजे के कंटेनर के आगे-पीछे तीन बाइकों से छह तस्कर चल रहे थे। पुलिस ने इनमें से दो बाइकों पर बैठे चार तस्कर और ट्रक चलाकर ले जा रहे दो लोगों को पकड़ा।
इनको को किया गिरफ्तार पकड़े गए आरोपियों में प्रदीप शर्मा, उसका भाई दीपक शर्मा, पिता रामसेवक शर्मा व अन्य परिजन बृजविहारी शर्मा और हरिओम तिवारी है। आकाश जोशी निवासी कोलारस शिवपुरी व शिवम जोशी जो सगे भाई और कंटेनर के ड्राइवर हैं। इनके अलावा मनोज कुमार निवासी इटावा उ प्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोरसा का एक आरोपी श्यामविहारी शर्मा मौके से फरार हो गया।
आगरा बेचने जा रहे थे गांजा गांजा तस्करी का मास्टर माइंड प्रदीप शर्मा 19 वर्ष है। पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वह आन्ध्रप्रदेश के राजमुंदरी जिले के नक्सल प्रभावित जंगली इलाके से गांजा लेकर आए थे और आगरा बेचने जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
यहां कर चुके हैं गांजे की सप्लाई : आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया है कि पिछले एक साल से लगातार गंाजे की तस्करी कर रहे हैं और मुरैना के अलावा आगरा, भिंड, धौलपुर, इटावा सहित अन्य शहरों में गांजा की तस्करी में लिप्त हैं।