यह सीट जातीय समीकरण के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है। यहां पर दोनों ही जातियों को साधने से ही जीत की नैया पार होती है। यहां ब्राह्मण, धाकड़, क्षत्रीय और कुशवाह समुदाय हर चुनाव में निर्णायक स्थिति में रहता है। इसके अलावा मुस्लिम वोट यहां काफी प्रभावशाली है। इस सीट पर ब्राह्मण 12000, ठाकुर 17000, जाटव 31000 और कुशवाह 32000 वोटर हैं। जौरा विधानसभा सीट, ब्राह्मण, राजपूत और ओबीसी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां अनुसूचित जाति के मतदाता भी बड़ी तादाद में हैं। जाटवों की अच्छी खासी संख्या है। ओबीसी में कुशवाह और धाकड मतदाताओं की संख्या भी अधिक है।
मुरैना जिले की जौरा विधानसभा में कुल 2 लाख 44 हजार 65 मतदाता हैं।
1 लाख 32 हजार 214 पुरूष
1 लाख 11 हजार 837 महिला
14 अन्य मतदाता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव
2008: विधानसभा चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी के मनीराम धाकड़ ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में बसपा को 31.39 %, कांग्रेस को 23.99% और बीजेपी को 15.15% वोट मिले थे।
2013: बीजेपी के सुबेदार सिंह सिकरवार रजौधा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस से बनवारी लाल शर्मा दूसरे स्थान पर थे। बीजेपी को 29.16% और कांग्रेस को 27.45% वोट मिले थे।
2018: कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा ने जीत दर्ज की थी। 2018 के चुनाव में भाजपा यहां तीसरे स्थान पर थी। कांग्रेस को 34.54%, बसपा को 25.21% और बीजेपी को 23.35% वोट मिले थे।
2020 में हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने यहां से सूबेदार सिंह सिकरवार को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने पंकज उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा है।
बसपा ने यहां से सोने राम कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है।