मुरैना मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो विषम परिस्थितियां भी रास्ता नहीं रोक सकती हैं। परिवार सहित गुरुजनों के प्रोत्साहन व अपने संघर्ष के दम पर शहर के कुछ युवाओं ने ऐसा ही कर दिखाया है। खेलकूद में सफलता के झंडे गाड़ते हुए जिले से लेकर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल की हैं। इनके सपने बड़े हैं जिन्हें साकार करने के लिए ये रोजाना कड़ी मेहनत कर रहे हैं। युवा दिवस पर जानिए ऐसे ही युवा खिलाडिय़ों की कहानी।
पिता को खो देने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत शहर के गोपालपुरा में रहने वाले ओम गुर्जर ने विषम परिस्थितियों के बाद भी रेसलिंग में सफलता के शिखर पर हैं। अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और रांची में आयोजितजूनियर नेशनल प्रतियोगिता में पहुंच गए। ओम के पिता का एक हादसे में निधन हो जाने के बाद वह टूट चुका था, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और पिता की इच्छा को पूरा करने वह मैदान में पहुंचकर मेहनत करने लगा। ओम पिता के सपनों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। ओम आगे चलकर बेहतर खिलाड़ी बनना चाहता है।
ताइक्वांडो को छोड़ चुनी कब्बड्डी खेल आया नेशनल 16 वर्षीय प्रिंस सिंह तोमर का पहले ताइक्वांडो खेल पर फोकस था। लेकिन बीते चार से पांच साल से उसका ताइक्वांडो से मोहभंग हो गय और उसने कब्बड्डी को चुना। कब्बड्डी में मेहनत करते हुए उसने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर न केवल जिले बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। प्रिंस का कहना है कि वह कब्बड्डी से कैरियर भी बनाना चाहता है। उसने बताया कि वह झारखंड में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर लौटा है।
प्री-क्वार्टर तक पहुंचे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 17 वर्षीय कुंवर गुर्जर कब्बड्डी में एकेएफआई फेडरेशन से उतराखंड में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सेदारी कर लौटा है। उसने बताया कि उनकी टीम प्री-क्वार्टर तक पहुंची। गुर्जर ने कहा कि वह अपने खेल को और निखारने के लिए रोजाना स्टेडियम में खेल अभ्यास करता है। गुर्जर का सपना इंटरनेशनल खिलाड़ी बनने का है। उसका सपना है कि वह अपने देश के लिए पदक लेकर आए। यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया। अगर मन से किसी खेल को खेला जाए तो सफलता मिलने में देर रही लगती।
राज्य स्तरीय शालेय में ताइक्वांडो में चुनौती देगी दीप्ति राज्य स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में कैलारस की दीप्ति सिंघल चुनौती देगीं। मार्शल आर्ट एसोसिएशन की शाखा ताइक्वांडो सेल्फ डिफेंस एकेडमी की खिलाड़ी दीप्ति ने चीफ कोच ब्लैक बेल्ट मास्टर राहुल गुप्ता से प्रशिक्षण लिया। दीप्ति प्रतिदिन पंत मार्ग पुरानी सब्जी मंडी में अभ्यास करती हैं। 12वीं की छात्रा पढ़ाई के साथ मार्शल आर्ट में भी रूचि रखती है।