कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते शासन ने ही सरकारी अस्पतालों में सर्जरी पर पाबंदी लगा रखी है। हालांकि इमरजेंसी मामलों में ऑपरेशन करने की बात भी कही गई है, लेकिन जिले के सरकारी अस्पतालों में पिछले दो माह के भीतर एक भी सर्जरी नहींं की गई। जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों में सर्जरी का दायित्व संभालने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक इन दिनों यदि कोई इमरजेंसी केस आता है तो उसे ग्वालियर रैफर कर दिया जाता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन यह कहकर अपना बचाव कर रहा है कि इमरजेंसी ऑपरेशन चालू हैं, लेकिन रिकॉर्ड देखकर हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला अस्पताल में सर्जरी बंद होने के कारण पिछले दो माह में कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
यह है हकीकत सर्जरी की
अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में अस्थि एवं जोड़ रोग के चिकित्सक प्रतिमाह लगभग 100 ऑपरेशन करते हैं। लेकिन इन दिनों यह काम नहीं हो रहा है।
अस्पताल में पदस्थ सर्जन भी प्रतिदिन तीन-चार माइनर या मेजर ऑपरेशन करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उन्होंने अपना काम बंद कर रखा है।
ईएनटी तथा दंत रोग चिकित्सा विभाग में पहले भी सर्जरी कम ही होती थी। अब यह काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
नेत्र सर्जरी व नसबंदी भी ठप
कोविड-19 पर फोकस होने के कारण जिले में पिछले दो माह से नेत्र ऑपरेशन व नसबंदी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी पूरी तरह ठप हैं। उल्लेखनीय है कि नेत्र सर्जरी का लक्ष्य पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर शिविर आयोजित करता रहा है। इसी तरह नसबंदी का ग्राफ बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन पिछले दो माह से नेत्र या नसबंदी के ऑपरेशन यहां नहीं हो रहे हैं।
प्राइवेट चिकित्सक ही सहारा
जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी चिकित्सालयों में सर्जरी काम बंद होने के कारण मरीजों को मजबूरन प्राइवेट डॉक्टर्स के पास जाना पड़ रहा है। हालांकि संक्रमण की आशंका के चलते नर्सिंग होम्स में भी सर्जरी का ग्राफ गिरा है, लेकिन फिर भी बहुत हद तक प्राइवेट चिकित्सकों ने व्यवस्था संभाल रखी है। यह बात और है कि प्राइवेट डॉक्टर्स से ऑपरेशन कराने पर लोगों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
अस्पताल में सर्जरी का काम तो शासन के आदेश पर ही बंद है। इसलिए बहुत जरूरी होने पर हम प्रकरणों को ग्वालियर रैफर कर रहे हैं।
डॉ. दीपक चांदिल, हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ
सर्जरी के मामले में सही जानकारी तो सिविल सर्जन ही दे सकते हैं, लेेकिन ऑपरेशन तो अब कोविड-19 निपटने के बाद ही शुरू हो सकेंगे।
डॉ. विक्रम सक्सेना, सर्जन, जिला अस्पताल
नेत्र ऑपरेशन से जुड़े किसी भी सवाल को डॉ. एमएल गुप्ता से पूछिये। वे ही सही बता सकते हैं। मेरी ड्यूटी तो कोल्ड ओपीडी में लगी है।
डॉ. संध्या गोयल, नेत्र रोग चिकित्सक
शासन के आदेश के मुताबिक ही व्यवस्था बनाई गई है। वैसे सिर्फ प्लांड ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। इमरजेंसी सर्जरी तो चालू हैं।
डॉ. अशोक गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल