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ग्रामीणों को बताएं चंबल एक्सप्रेस-वे भू-अर्जन के फायदे

locationमोरेनाPublished: Jul 08, 2020 11:31:20 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

सात दिन में भेजें जानकारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

ग्रामीणों को बताएं चंबल एक्सप्रेस-वे भू-अर्जन के फायदे

ग्रामीणों को बताएं चंबल एक्सप्रेस-वे भू-अर्जन के फायदे

मुरैना. चुनावी वर्ष में लग रहा है कि चंबल एक्सप्रेस वे (प्रोग्रेस-वे) के निर्माण की प्रक्रिया किसी मुकाम तक पहुंच जाए। इसके लिए जरूरी भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। मुरैना के अलावा भिण्ड और श्योपुर जिला प्रशासन को जमीन की जानकारी इस संबंध में विज्ञप्ति प्रकाशित कर सात दिन में (13 जुलाई तक) जानकारी शासन स्तर पर मांगी गई है।
मुख्य सचिव मप्र शासन मंगलवार को तीनों जिलों के कलेक्टर से चर्चा करते हुए कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे कार्य में गति लाई जाए। शासकीय और निजी भूमि की पहचान कर विज्ञप्ति सात दिन में प्रकाशित कराने और प्रस्ताव चंबल कमिश्नर के माध्यम से भोपाल भिजवाएं। सरकारी जमीन को ट्रांसफर एसडीएम के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कराने के निर्देेश दिए। 13 जुलाई तक विज्ञप्ति प्रकाशन के बाद दावे-आपत्तियां लेकर भिजवाई जाएं। वन भूमि या न्यायालय प्रकरणों की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। निजी भूमि वाले किसानों को उसके बदले में शासकीय भूमि लेने के लिए राजी किया जाएगा। यह जानकारी ग्रामीणों तक पहले पहुंचाई जाएगी। उसके बाद शिविर लगाकर चंबल एक्सप्रेस-वे निकलने से होने वाले लाभ के बारे में बताया जाएगा।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर प्रियंका दास ने सबलगढ़ जौरा, मुरैना एवं अंबाह एसडीएम को निर्देश दिए कि चंबल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आ रही शासकीय भूमि को चिह्नित करें। इसे नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें और सात दिन मेंं दावे-आपत्तियां लेकर जिला मुख्यालय पर जानकारी भिजवाएं। जिसकी 7 दिवस के अंदर दावे-आपत्ति प्राप्त होने के बाद जानकारी जिला मुख्यालय को भिजवाना सुनिश्चित करें। यह जानकारी कमिश्नर को उपलब्ध कराई जाएगी।
निजी भूमि वाले किसानों को भी इसके बदले में सरकारी जमीन लेने के लिए समझाने पर जोर दिया गया है। जिन गांवों की निजी भूमि आ रही है वहां कैंप लगाकर समझाया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि इसके बनने से गांव तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकेंगे, कारखाने आने से रोजगार मिलेगा, अपना कारोबार भी अ‘छा चलेगा। विकास के लिहाज से वे मुख्य धारा से जुड़ जाएंगे।
16 जुलाई से लगाए जाएंगे गांवों में शिविर

चंबल एक्सप्रेस वे के लिए निजी भूमि के बदले सरकारी लेने के लिए किसानों व ग्रामीणों को राजी किया जाएगा। इसके लिए 16 से 20 जुलाई तक कैंप लगाए जाएंगे।
सबलगढ़ के ग्राम बरौठा, काछिन्दा, कैमराखुर्द, गदूला, बंथर, गदौली, अटार, डिगवार, खेड़ाडिगवार, रहू का गांव, गाजीखेड़ा, पलारी, बनवारा, खेरौन, नौरावली खैरोन, भटपुरा, गुरेमा, हीरापुर, झुण्डपुरा, कड़वना, कैमाराकलां में कैंप लगाए जाएंगे।

जौरा के ग्राम बर्रेड, सिंगरोली, चिन्नौनी चंबल, तिन्दोखर, बृजगढ़ी, मिलौआ, कोटरा, कोल्हूडंाड़ा, सरसैनी, सुखपुरा, बिण्डवा, नंदपुरा, गुढ़ा चंबल, खांड़ोली, ताजपुर, उत्तमपुरा, गुरजा, छिनवारा में शिविर लगाए जाएंगे।
मुरैना के ग्राम कैंथरी, जारह, बिंडवा चंबल, पिपरई, मसूदपुर, नायकपुरा एबी रोड, गड़ौरा, गोरखा, गौशपुर, जखौना, अंबाह के ग्राम ऐसाह, जोंहा, डंंडोली, खिरेंटा, गूंज, रिठौना, पोरसा के बरबाई, रतनबसई, रूअर, रिठौरा, रछेड़, रूधावली, विजयगढ़, महुआ, कुरैठा, धौर्रा, सिलावली, नगरा पोरसा, भदावली और चापक गांव शामिल हैं।
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