इसके पहले यह लोग कई दिनों तक नगर परिषद कैलारस कार्यालय परिसर में धरना-आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पूर्व विधायक के साथ वाहनों में सवार होकर सवा सौ लोग मुरैना पहुंचे। यहां पहले कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन दिया और बाद में संभागायुक्त रेनू तिवारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी ज्ञापन दिया।
पूर्व विधायक रजौधा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के लाभ से गरीब लोगों को जानबूझकर वंचित रखने का प्रयास किया जा रहा है। जांच के नाम पर औपचारिकता की जा रही है। बेघर लोग किराए पर रहते हैं। यदि वे किराए की जगह बदल देते हैं तो कर्मचारी उन्हें वहां रहना न बताकर अपात्र घोषित कर देते हैं। पूर्व विधायक ने दावा किया कि वास्तविक जांच करवा ली जाए जो लोग पात्र उन्हें केेंद्र सरकार की योजना के लाभ से वंचित करने का प्रयास न किया जाए।
राज्यपाल के नाम ज्ञापन में
ज्ञापन में कहा गया है कि नगर परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना की अनुमोदित सूची (415+69) आवेदकों में से 123 को अपात्रघोषित कर दिया।
सभी लोग बेघर और गरीब हैं। उन्हेंं आवास के साथ शौचालय योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। गलत तथ्यों के आधार पर अपात्र घोषित परिवारों की दोबारा निष्पक्ष जांच कराई जाए।
बेघर लोग किराए या अस्थाई ठिकाने पर रहते हैं। थोड़े समय बाद कई कारणों वे ठिकाना बदल देते हैं। ऐसे में जांच के नाम पर औपचारिकता करने वाले कर्मचारी उन्हें अपात्र घोषित कर देते हैं।
गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करते हुए खाद्यान्न पर्चियां भी नहीं दी जा रही हैं। इससे उनके सामने अनाज का संकट भी खड़ा हो रहा है।
गरीब परिवारों को आवास के लिए भूखंड और निर्माण के लिए जरूरी राशि उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक पहल हो।
पात्र गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना से जानबूझकर राजनीतिक विद्वेष के कारण वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए यह लोग कैलारस नगर परिषद कार्यालय परिसर में धरना-आंदोलन भी कर चुके हैं। गरीबों को उनका हक मिलना चाहिए।
सूबेदार सिंह रजौधा, पूर्व विधायक जौरा