scriptपत्थर माफिया सोता रहा, प्रशासन उठा लाया दर्जनभर वाहन | The stone mafia sleeps the administration raises dozens of vehicles | Patrika News

पत्थर माफिया सोता रहा, प्रशासन उठा लाया दर्जनभर वाहन

locationमोरेनाPublished: Sep 16, 2017 01:50:51 pm

पत्थर के अवैध उत्खनन के खिलाफ एक दशक बाद बड़ी कार्रवाईकलेक्टर, एसपी सहित पुलिस व एसएएफ के 175 जवान हुए शामिल

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पत्थर खदानों से मशीनें जब्त करके लाते पुलिस के जवान।

मुरैना. प्रशासन ने बीती रात रिठौरा क्षेत्र में पत्थर माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। कलेक्टर, एसपी व डीएफओ सहित पुलिस व एसएएफ के तकरीबन पौने दो सैकड़ा जवानों ने सुनियोजित ढंग से आधी रात को तकरीबन 25-30 खदानों पर दबिश दी। चूंकि उस वक्त पत्थर माफिया सो रहा था। इसलिए सरकारी अमला खदानों पर अवैध खुदाई में प्रयुक्त किए जाने वाले एक दर्जन वाहनों को जब्त करके ले आया। पत्थर माफिया के खिलाफ पिछले 10 साल के भीतर यह पहली सफल कार्रवाई है।

रिठौरा क्षेत्र की पत्थर खदानों में अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन का प्लान पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। इसके तहत बुधवार की रात को तमाम थाना प्रभारियों को कॉल करके जिला मुख्यालय पर बुलाया गया। अवैध उत्खनन रोकने के लिए वन विभाग को दी गई एसएएफ की कंपनी को भी एनवक्त पर तैयार किया गया। रात तकरीबन दो बजे कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार, एसपी आदित्य प्रताप सिंह, डीएफओ एए अंसारी के नेतृत्व में अन्य अधिकारी तथा जवान वाहनों में सवार होकर रिठौरा क्षेत्र की ओर रवाना हुए। तकरीबन साढ़े तीन बजे रंचौली, पहावली व कोटे का पुरा की 25-30 खदानों पर एक साथ दबिश देकर वहां से तीन पोकलेन मशीनें, एक हाइड्रा, कम्प्रेशरयुक्त 6 ट्रैक्टर तथा एक सादा ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त किया गया। इसके अलावा खदानों पर मशीनें चलाने वाले दो ऑपरेटरों को भी गिरफ्तार किया गया। इनके नाम भानचंद पुत्र साकूलाल तथा अशोक पुत्र श्रीराम यादव निवासी ललितपुर बताए गए हैं। वाहनों को जब्त करने के बाद पूरा अमला कतारबद्ध होकर उन्हें संबंधित क्षेत्र से निकालकर लाया। जब्त किए गए कुछ वाहनों को रिठौरा तथा कुछ को बानमोर थाना परिसर में रखा गया है। इस पूरी कार्रवाई में सरकारी अमले को पांच घंटे का समय लगा। कार्रवाई के बाद फॉरेस्ट और माइनिंग विभाग द्वारा इस संबंध में वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष २००६ में तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी व एसपी हरिसिंह यादव के नेतृत्व में भी ऐसी ही कार्रवाई का प्रयास किया गया था, लेकिन तत्समय माफिया ने सीधी फायरिंग करते हुए सरकारी अमले को खदेड़ दिया था।

ये चीजें भी मिलीं मौके पर
पत्थर खदानों पर कार्रवाई के लिए पहुंचे सरकारी अमले को वहां विस्फोट के लिए प्रयुक्त की जाने वाली जिलेटिन की छड़ें भी मिलीं, जिन्हें जब्त कर लिया गया। इसके अलावा एक खदान पर ड्रमों में भरा हुआ 1200 लीटर डीजल भी मिला, जिसका उपयोग वाहनों का इंजन चलाने के लिए किया जाता था। बड़ी मात्रा में मिले डीजल को अधिकारियों के निर्देश पर वहीं फैला दिया गया।

की गई थी खास तैयारी
प्लानिंग के साथ पत्थर खदानों पर कार्रवाई के लिए निकला सरकारी अमला अपने साथ वाहनों की बैट्री तथा मैकेनिकों को भी ले गया था, ताकि खराबी होने पर उन्हें सुधारकर साथ लाया जा सके।
पत्थर खदानों पर दबिश के बारे में एनवक्त तक पुलिस कर्मचारियों को भी जानकारी नहीं दी गई थी। बल्कि उन्हें यह भी मालूम नहीं था कि आखिर कार्रवाई के लिए जाना कहां है।
योजना के मुताबिक कार्रवाई के लिए जवानों की अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं। प्रत्येक टीम में एक कमांडिंग ऑफिसर था और एक सुपर कमांडिग ऑफिसर भी।
दबिश देने से पहले अधिकारियों ने पत्थर खदानों की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात किया। कार्रवाई के दौरान खदानों के ऊपरी हिस्सों पर भी जवान तैनात रहे।
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