scriptभूसा खत्म, गोवंश को सिर्फ दो ट्रॉली ही डाला गया भूसा | The straw is over, only two trolleys were put on the cow. | Patrika News

भूसा खत्म, गोवंश को सिर्फ दो ट्रॉली ही डाला गया भूसा

locationमोरेनाPublished: Sep 17, 2021 09:34:34 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

– गोशाला की व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं

भूसा खत्म, गोवंश को सिर्फ दो ट्रॉली ही डाला गया भूसा

भूसा खत्म, गोवंश को सिर्फ दो ट्रॉली ही डाला गया भूसा


मुरैना. देवरी गोशाला की व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। गुरुवार की शाम गोदाम खाली हो चुका है। भूसा न के बरावर था उसके बाद भी जिम्मेदार गहरी नींद में सोए हुए हंै। गोशाला के करीब ढाई से तीन हजार गोवंश को रोजाना एक बार में करीब छह ट्रॉली भूसा डाला जाता है लेकिन शुक्रवार की सुबह सिर्फ दो ट्रॉली भूसा डाला गया। सुबह ११ बजे तक दानदाताओं का हरा चारा पहुंचता था, वह भी नहीं पहुंचा जिससे गोवंश भूखा ही रहा।
देवरी गोशाला के लिए शासन व नगर निगम से अच्छाखासा बजट मिलता है फिर भी गोवंश भूखा मर रहा है। भूसा पहुंच भी जाता है तो सूखा डाल दिया जाता है। जिसे ठीक से खाते भी नहीं हैं। गोवंश की हालत देखो तो ऐसा लगता है कि न जाने कितने दिन से भूखा है। शुक्रवार की सुबह गोदाम पूरी तरह खाली पड़ा था। अभी तक गोदाम में पर्याप्त भूसा रहता था और ट्रकों से भूसा आता था लेकिन पिछले कुछ दिन से गोदाम में ट्रॉलियों से भूसा आ रहा है, जो कि पर्याप्त नहीं रहता। गोशाला परिसर में गोवंश के पीने की पानी की व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। तीन चार दिन पूर्व जलहरी (जिसमें पानी भरा जाता है) फूट चुकी है उसको अभी तक दुरस्त नहीं कराया गया है जिससे गोवंश के लिए पानी का संकट खड़ा हो गया है।
दलदल के बीच नहीं बैठ पा रहा गोवंश …..
पिछले कुछ दिन से हो रही लगातार बारिश से गोशाला परिसर में दलदल हो गया है। टीनशैड भी लगे हैं लेकिन उनमें बमुश्किल चार सैकड़ा गोवंश के बैठने की व्यवस्था है, अन्य गोवंश बारिश में भींग रहा है और दलदल के चलते जमीन पर बैठ भी नहीं पा रहा है। जिससे गोवंश के बीमार होने की संभावना बढ़ सकती हैं।
कागजों में सिमटे नवाचार ………..
पिछली प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गोशाला के संचालन हेतु समिति का गठन किया था। जिस समय समिति बनाई गई उस समय सदस्यों ने बड़ी हुंकार भरी थीं और बैठक कर तमाम नवाचार करने पर जोर दिया लेकिन कुछ समय बाद समिति सदस्य की हवा निकल गई, नवाचार करना तो दूर वर्तमान व्यवस्थाओं पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और जो व्यवस्थाएं थीं, वह भी कम होती जा रही हैं।
ढाई हजार गोवंश पर सिर्फ आधा दर्जन कर्मचारी ……..
गोशाला में गोवंश की देखरेख के लिए १६ कर्मचारी तैनात हैं। इसमें दो चिकित्सक हैं। अन्य में से सिर्फ आधा दर्जन कर्मचारी हैं जो ढाई हजार गोवंश को भूसा व चारा डालते हैं जो गोवंश की संख्या के हिसाब से काफी कम हैं। कुछ कर्मचारी अधिकारियों के यहां अटैच हैं और उनका नाम गोशाला में चल रहा है।
कथन
– यह बात सही है कि सुबह के समय भूसा कम था लेकिन बाद में ट्रॉलियों से भूसा पहुंच गया था। जितनी व्यवस्थाएं हैं, उनसे गोशाला में काम चलाया जा रहा है।
भूरा उपाध्याय, व्यवस्थापक, देवरी गोशाला

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