मुरैना. डेढ़ माह पहले विकास राठौर नामक किशोर का अपहरण करने वाले आरोपियों की संख्या अब एक दर्जन से अधिक हो गई है। पहले इस सिलसिले में सिर्फ दो आरोपियों का हाथ होने की बात कहने वाली पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें अपहरण के आरोपी के तौर पर पेश किया है। पुलिस अधिकारियों का यह भी कहना है कि अभी इस गैंग के पांच नामजद आरोपी फरार हैं। इनके अलावा कुछ और भी लोग उनके साथ हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को रामनगर चौराहा से अगवा किया गया विकास राठौर जब 22 नवंबर को छूटकर आया तो पुलिस ने एक प्रेसनोट तैयार किया, जिसमें सात लोगों को अपहरण का आरोपी ठहराया गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अपहरण की वारदात में राजस्थान के केशव गुर्जर तथा रामलखन गुर्जर का हाथ रहा। अब पुलिस ने दावा किया है कि विकास का अपहरण करने वाले लोग पूरा गिरोह चलाते हैं। गुरुवार को पुलिस कॉन्फे्रंस हॉल में पुलिस अधीक्षक आदित्यप्रताप सिंह व एएसपी अनुराग सुजानिया ने बताया कि इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनके नाम हनुमानदास गुर्जर निवासी तिघरा धौलपुर, बंटी सिंह निवासी सौंहा कंचनपुर, हंसराम मीणा निवासी चिलाचौंद बाड़ी, विजय सिंह निवासी पछेडिय़ापुरा डांग बसई, रामदास गुर्जर निवासी जम्बूरे बाड़ी, जयवीर परमार निवासी रनपुरा बाड़ी तथा फकीरा गुर्जर निवासी सांवलियापुरा राजाखेड़ा हैं। इनके कब्जे से दो जीपें भी जब्त की गई हैं, जिनका उपयोग वे अपहरण की वारदातों में किया करते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस गैंग के सुरेन्द्र, केशव, रामलखन, धीरा, नीटू व अन्य अभी फरार हैं, जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। आरोपियों की संख्या बार-बार क्यों बदली, इस सवाल के जवाब में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शुरूआत में कुछ तथ्य सामने नहीं आ पाए थे। इसके अलावा कुछ बातों को गोपनीयता के मद्देनजर उजागर नहीं किया गया था।
गिरोह में नवयुवक ज्यादा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस गिरोह ने विकास राठौर का अपहरण किया, उसमें नवयुवकों की संख्या अधिक है। ज्यादातर सदस्य 21 से 35 वर्ष की आयु के हैं। ये लोग अपहरण करके पकड़ को बीहड़ में छिपा देते थे। वारदात को अंजाम देने के लिए यह अलग-अलग
काम आपस में बांट लेते थे। कुछ लोग पकड़ उठाते थे तो कुछ लोग उसकी देखरेख करते थे। वहीं कुछ लोग फिरौती की मांग, मोबाइल फोन तथा सिम कार्ड आदि की व्यवस्था करते थे। खास बात यह कि फिरौती मांगने के लिए अक्सर ये लोग लूटे हुए मोबाइल फोन का उपयोग करते थे।
कर चुके हैं कई अपहरण
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गिरोह के सदस्य अब तक अपहरण की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। इनमें से कुछ में उन्होंने फिरौती भी वसूली। मसलन
आगरा से जेल प्रहरी के भाई रजा तथा धौलपुर से डॉ. निखिल बंसल का अपहरण कर, उन्हें फिरौती लेकर छोड़ा, कुछ समय पहले इन्होंने
सैंया से एक पकड़ की, लेकिन वह व्यक्ति चलती गाड़ी से कूदकर भाग निकला। पूछताछ के दौरान बदमाशों ने ८-१० अपहरण करने की बात स्वीकार की है।
इस बार कोतवाली को क्रेडिट
अपहृत विकास की रिहाई का क्रेडिट जहां थाना सिविल लाइन पुलिस व थाना स्टेशन रोड पुलिस को मिला था, वहीं बदमाशों को गिरफ्तार करने के मामल में कोतवाली पुलिस की भूमिका अग्रणी बताई जा रही है। हालांकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बदमाशों को कोतवाली, सिविल लाइन, स्टेशन रोड, नूराबाद, रिठौरा, बागचीनी, माताबसैया, दिमनी, सिहोनिया, महुआ थाना प्रभारी व उनकी टीम ने मिलकर गिरफ्तार किया। इसके अलावा सायबर सेल की भी इस मामले में अहम भूमिका रही।