मोरेना

आधा दर्जन थानों में 11 महिला थानेदार, 18 थानों में एक भी नहीं, कैसे चले महिला डेस्क

– शासन के निर्देश, हर थाने में संचालित हो महिला ऊर्जा डेस्क- शहर के थानों में महिला उपनिरीक्षकों की भरमार

मोरेनाMay 25, 2022 / 08:19 pm

Ashok Sharma

आधा दर्जन थानों में 11 महिला थानेदार, 18 थानों में एक भी नहीं, कैसे चले महिला डेस्क


अशोक शर्मा मुरैना. शासन की मंशा है कि महिला संबंधी अपराधों की सुनवाई थाना स्तर पर प्रोपर हो सके, इसके लिए हर थाने में महिला ऊर्जा डेस्क स्थापित की गई थीं और उसका प्रभारी महिला उप निरीक्षक को बनाया गया। लेकिन मुरैना जिले के दो दर्जन थानों में से सिर्फ आधा दर्जन थानों में ही महिला थानेदार की पदस्थगी होने से ऊर्जा डेस्क संचालित हो रही हैं, अन्य थानों में महिला संबंधी अपराध के लिए अन्य थानों से महिला अधिकारी को बुलाना पड़ता है। यहां बता दें कि शहर के थानों में ही आधा दर्जन से अधिक महिला थानेदार पदस्थ हैं। सिटी कोतवाली में चार, सिविल लाइन, स्टेशन रोड में दो दो पदस्थ हैं। इनको जिले के अन्य थानों में भेजकर महिला डेस्क को संचालित किया जा सकता है लेकिन अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं हैं।
महिला को प्रभार देने से हो सकते हैं दोनों कार्य
जिले में एक दर्जन से अधिक महिला थानेदार पदस्थ हैं। इसके बाद भी थाने का प्रभार किसी को नहीं दिया गया है। शहर के थानों में पदस्थ उप निरीक्षकों ने पूर्व में अंचल के थाने चलाए हैं लेकिन वर्तमान में एक भी थाने का प्रभार महिला को नहीं दिया गया है। महिला को प्रभार देने से दोनों काम हो सकते हैं एक तो थाने का प्रभार और दूसरे ऊर्जा डेस्क की संचालित की जा सकती है।
ये पदस्थ हैं शहर के थानों में
सिटी कोतवाली में उप निरीक्षक रूबी तोमर, रत्ना जैन, शिवानी जादौन, सपना जैन। सिविल लाइन में ज्योति शर्मा, आरती राठौर। स्टेशन रोड थाने में मेघा सोनी, उमा परिहार पदस्थ है। इसके अलावा दिमनी थाने में उप निरीक्षक निशा मावई और क्षमा राजौरिया पदस्थ हैं। अधिकारी चाहे तो इनमें से एक को अंबाह कर सकते हैं जिससे वहां भी महिला डेस्क संचालित हो सके।
इन थानों में संचालित नहीं हैं महिला थानेदार
जिले के अंबाह, महुआ, नगरा, सिहोनियां, माता बसैया, रिठौरा, नूराबाद, सुमावली, जौरा, बागचीनी, देवगढ़, पहाडग़ढ़, चिन्नोंनी, सबलगढ़, टेंटरा, रामपुर, सरायछोला में महिला थानेदार नहीं होने से महिला ऊर्जा डेस्क संचालित नहीं हो पा रही हैं। यहां महिला संबंधी अपराध के लिए अन्य थानों से महिला थानेदार को बुलाया जाता है तब कार्रवाई होती है। अगर संबंधित थाने में ही महिला अधिकारी रहे तो समय की बचत और अपराध समीक्षा में प्रोपर काम हो सकता है।
प्रोपर कार्रवाई नहीं कर पा रहा महिला थाने का स्टाफ!
जिले में महिला थाने की स्थापना तो हो गई है लेकिन थाने में अभी तक प्रभारी से लेकर अन्य स्टाफ में कार्य के प्रति गंभीरता नहीं हैं। कुछ मामलों में तो फरियादी को घुमा दिया जाता है। जबकि होना ये चाहिए कि फरियादिया शिकायत लेकर आई है तो उसकी तुरंत सुनवाई हो लेकिन यहां कुछ मामलों में देखा गया है कि सिटी कोतवाली, स्टेशन रोड, सिविल लाइन क्षेत्र की फरियादिया है तो उसको संबंधित थानों में जाने की नसीहत दी जाती है। कुछ दिन पहले एक नाबालिग से रेप के मामले में भी यही हुआ। फरियादी पक्ष महिला थाने गया, वहां से उसको संबंधित थाने के लिए वापस कर दिया। इस तरह की और भी शिकायत महिला थाने की मिली हैं।
कथन
– यह बात सही है शहर में महिला थानेदार हैं, उनको रिव्यू करके जल्द ही अंचल के थानों में पदस्थ करेंगे। जिससे महिला डेस्क ठीक से काम कर सके।
आशुतोष बागरी, पुलिस अधीक्षक, मुरैना
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