scriptइस बार 23 नवंबर से बजेगी शहनाई | This time the Badge clarinet from November 23 | Patrika News

इस बार 23 नवंबर से बजेगी शहनाई

locationमोरेनाPublished: Nov 11, 2017 01:28:44 pm

जनवरी में नहीं है कोई शादी, पूरे सीजन में सिर्फ 28 विवाह मुहूर्त

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मुरैना. इस बार बिलंव से शादी के मुहूर्त निकले हैं। हर साल देवउठानी एकादशी से शइनाई बजने लगती थी, लेकिन इस बार तुला राशि के संक्रांति होने के कारण देवउठान एकादशी पर विवाह मुहूर्त नहीं निकले। पं. अवध विहारी शास्त्री के अनुसार सूर्य 30 दिन तक एक राशि से दूसरी राशि पर परिणित होता है, उसे संक्रांति काल कहते हैं। एक वर्ष में 12 संक्रांति काल होते हैं। इनमें से छह संक्रांति काल जिनमें मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक, मकर, कुंभ राशि में तभी विवाह होते हैं। इस बार 23 नवंबर से विवाह समारोह शुरू हो रहे हैं। इस बार पूरे सीजन में 28 विवाह मुहूर्त हैं। इनमें से नवंबर में तीन, दिसंबर में चार, फरवरी में तीन, मार्च में दो, अप्रैल में चार, मई में दो, जून में सात, जुलाई में तीन विवाह मुहूर्त हैं। सबसे अधिक विवाह मुहूर्त जून में पड़ेंगे।
जनवरी में नहीं हैं विवाह मुहूर्त
इस सीजन में जनवरी में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनु राशि की संक्रांति होने के कारण जनवरी में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। जनवरी के शेष दिनों में विवाह नक्षत्र न होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं है। पंचाग में नक्षत्र २७ होते हैं। इनमें से 11 नक्षत्र विवाह के होते हैं। ग्रह नक्षत्र योग , करण तिथि ये सभी विवाह के होने के योग जब निकलते हैं तब विवाह मुहूर्त निकलते हैं।
किस महीने में कब विवाह मुहूर्त
नवंबर 23, 28, 29
दिसंबर 3, 4, 10, 11
फरवरी 6, 7, 18
मार्च 6, 8
अप्रैल 18, 19, 20, 29
मई 11, 12
जून 19, 20,21,22,23,25,29
जुलाई 5,6,10
किसानों को पता लगता, उससे पहले ही निकल गई प्रभारी मंत्री
प्रभारी मंत्री माया सिंह का कृषि उपज मंडी भ्रमण औपचारिक नजर आया। मंत्री जैसे ही मंडी में पहुंचीं तो कुछ किसानों से बातचीत की और उसके बाद अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। किसान कुछ समझ पाते, उससे पहले तो मंत्री मंडी परिसर से निकल गईं। जब किसानों को पता लगा कि प्रभारी मंत्री आई हैं तो वह दौड़कर उनसे मिलने पहुंचे, लेकिन तब तक मंत्री गाड़ी में बैठ चुकी थीं। कुछ किसानों ने गाड़ी बैठने के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारा बाजरा मिट्टी के भाव जा रहा है, उसके उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं और न ही बाजरा को भावांतर योजना में जोड़ा गया।
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