विश्व के इकलौते मूल शनि मंदिर में प्रत्येक शनिश्चरी अमावस के मेले में मध्य प्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, हरियाणा, गुजरात के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। लोग सुख, शांति प्राप्त करने के लिए पूर्जा अर्चना करते हंै। विदित हो कि शनिदेव के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं। त्रेतायुगीन शनि मंदिर की पूरे विश्व में ख्याति है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी हैं।
मेले के दौरान शनिवार को ग्वालियर, मुरैना से विशेष वाहन उपलब्ध रहेंगे, रेलवे स्टेशन ग्वालियर से शनिचरा के लिए विशेष रेल सुविधा भी उपलब्ध रहेगी । सामान्य दर्शन मार्ग शनिचरा स्टेशन से धर्मशाला फॉरेस्ट चॉकी होकर रहेगा । रास्ते में सुविधा जनक दूरी पर भारी, हल्के वाहनों के अलावा दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग का इंतजाम किया गया है।
वीआपी दर्शन मार्ग ग्वालियर से शनिचरा स्टेशन से बानमोर रोड खिरावली से रांसू होकर रहेगा। स्नान, मुंडन, प्रसाद की व्यवस्था सामान्य मार्ग एवं विशेष दर्शन मार्ग में की गई है। किसी प्रकार की अफरा-तफरी से बचने के लिए सुरक्षा के मापदण्डों को पूरा करते हुए वेरीकेडिंग की गई है। मेले के दौरान मजिस्ट्रेटस की देखरेख में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेला परिसर में दो अस्थाई अस्पताल तथा एम्बूलेंस तैयार रहेगी। चार नई जोन बनाई गई है। पीने के लिए पर्याप्त पेयजल उपलब्ध रहेगा। विशेष दर्शन पास भी निर्धारित शुल्क पर मेला परिसर में उपलब्ध रहेंगे।