scriptरिश्वत के लिए एक साल तक नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति | Trees not allowed to cut trees for one year | Patrika News

रिश्वत के लिए एक साल तक नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति

locationमोरेनाPublished: Oct 03, 2019 11:59:18 pm

सामान्य तौर पर 10-15 दिन में मिल जाती है अनुमति

रिश्वत के लिए एक साल तक नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति

वन विभाग के कार्यालय में कार्रवाई करती लोकायुक्त पुलिस।

मुरैना. किसान भारत सिंह पुत्र खासाराम मावई ने व्यापारिक दृष्टि से ही अपने खेत पर 18 साल पहले सागौन के 76 पौधे लगाए थे। अब बड़े होने पर उन्हें काटने की अनुमति मांगी जा रही थी। एक साल यह अनुमति वन विभाग के एसडीओ कार्यालय में लटकी थी। परेशान होकर किसान को लोकायुक्त पुलिस की मदद लेनी पड़ी। जब बाबू के हाथ धुलवाए तो पावडर के कारण लाल हो गए। पेंट की जेब में यह रुपए रखे थे। इसलिए पेंट भी जब्त कर धुलवाया गया तो उसका पानी भी लाल हो गया। यह पानी भी प्रमाण के लिए लोकायुक्त पुलिस ने बोतलों में भर लिया।
किसान ने आवेदन तहसील कार्यालय में दिया था। यहां से पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर मामला वन विभाग को भेज दिया गया। बाबू शिवचरण सिंह राठौर इसमें अनुमति के लिए अक्टूबर 2018 से किसान को घुमा रहा था। पेड़ काटने अनुमति के लिए 10 हजार रुपए मांगे थे। लोकायुक्त टीम में निरीक्षक पीके चतुर्वेदी, रानीलता नामदेव, उप निरीक्षक सुरेश सिंह कुशवाह, प्रधान आरक्षक धनंजय पांडे, आरक्षक प्रमोद सिंह, देवेन्द्र पवैया, हेमंत शर्मा, जसवंत शर्मा, विशंभर सिंह शामिल रहे।
मैंने एक साल पहले अपने खेत में खड़े सागौन के पेड़ कटवाने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। वन विभाग के एसडीओ कार्यालय में पदस्थ बाबू शिवचरण राठौर ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। बाद 8000 में सौदा तय हुआ। मैंने 30 सितंबर को लोकायुक्त एसपी को शिकायत की। उन्होंने मुझे टेप रिकॉर्डर दिया। उसी दिन मैंने बाबू को 2000 रुपए दिए और 3 अक्टूबर को शेष राशि 6000 रुपए देना तय हुआ था। आज रुपए दिए तभी लोकायुक्त ने बाबू को पकड़ लिया।
भारत सिंह मावई, पीडि़त
किसान भारत सिंह मावई ने अक्टूबर 2018 में अपने खेत में खड़े सागौन के पेड़ कटवाने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। पटवारी ने कार्रवाई कर वन विभाग एसडीओ को आवेदन भेज दिया। यहां एक साल से किसान चक्कर काट रहा था। बाबू शिवचरण राठौर ने 10000 रुपए की रिश्वत मांगी। 8000 में सौदा तय हुआ। 2000 रुपए 30 सितंबर को दिए और 6000 रुपए 3 अक्टूबर को देना तय हुआ था। रिश्वत लेते हुए बाबू को रंगे हाथों पकड़ा गया है। इसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। बाबू को मौके पर जमानत पर छोड़ दिया गया है।
पीके चतुर्वेदी, निरीक्षक, लोकायुक्त पुलिस, ग्वालियर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो