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किसान सुबह पांच बजे से लगे लाइन में फिर भी नहीं मिला यूरिया, दर्जनों किसान लौटे

locationमोरेनाPublished: Jul 10, 2023 10:11:02 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

- किसान को यूरिया की जगह चार दिन बाद की थमाई पर्ची, महिलाओं को भी करनी पड़ी मशक्कत

- यूरिया की नहीं व्यवस्थाओं की दिखी कमी

किसान सुबह पांच बजे से लगे लाइन में फिर भी नहीं मिला यूरिया, दर्जनों किसान लौटे
किसान सुबह पांच बजे से लगे लाइन में फिर भी नहीं मिला यूरिया, दर्जनों किसान लौटे
मुरैना. यूरिया खाद के लिए पुरुषों के साथ साथ महिला किसान को सुबह पांच बजे से लाइन में लगना पड़ा, उसके बाद भी यूरिया नहीं मिला। कर्मचारियों ने चार दिन बाद की पर्ची थमाकर कहा कि बाद में आना। किसानों का कहना हैं कि पहले पर्ची के लिए लाइन में धक्के खाए और अब यूरिया के लिए एक दिन फिर लाइन में लगना पड़ेगा।
कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का यूरिया वितरण पर ध्यान नहीं होने पर व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं। प्रशासन दावा कर रहा है कि यूरिया पर्याप्त मात्रा में हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों को अपडाउन से फुर्सत नहीं हैं व्यवस्थाएं कैसे बनें। सोमवार को सुबह कृषि उपज मंडी परिसर में खाद के लिए करीब छह सैकड़ा पुरुष व महिला किसान दो लाइन में इस आस के साथ लगे कि हमारा नंबर आ जाएगा तो यूरिया मिल जाएगा जिससे हम बाजरा की बोवनी कर सकेंगे लेकिन उनको कष्ट तब हुआ जब उनका नंबर काउंटर पर आया तो उनको पर्ची थमा दी, वह भी चार दिन आगे की। रोना इस बात का है कि एक दिन पर्ची के लिए मारामारी की और अब यही स्थिति यूरिया लेने आएंगे, उस दिन भी बनेगी।
जिले में यूरिया के स्टॉक की स्थिति
वर्तमान में मुरैना जिले में 13 हजार 807 मैट्रिक टन यूरिया, 7 हजार 995 मैट्रिक टन डीएपी, 422 मैट्रिक टन एनपीके, 2 हजार 127 मैट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है।
क्या कहना हैं किसानों का
- कृषि मंडी परिसर में सुबह पांच बजे आकर लाइन में इस उम्मीद के साथ लगे कि यूरिया मिल जाएगा लेकिन जब काउंटर पहुंचे तो दो दिन बाद की पर्ची थमा दी।
राजपाल सिंह, किसान
- घर का सारा काम छोडकऱ इसलिए जल्दी आई थी कि नंबर आ जाएगा तो यूरिया मिल जाएगा लेकिन 13 जुलाई की पर्ची थमा दी। अब दोबारा आना पड़ेगा, तब यूरिया मिल सकेगा।
रामबती, किसान
कथन
- यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है और शासन स्तर से लगातार जिले को उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान चिंतित न हो। उर्वरक का पर्याप्त भंडारण मुरैना जिले में है। जिले में खाद की कमी नहीं है। किसान धैर्य बनाये रखें। किसानों की समस्याओं को देखते हुये किसान मार्केटिंग सोसायटी, गोदाम एवं निजी विक्रेताओं से उर्वरक क्रय कर सकते है।
अंकित अस्थाना, कलेक्टर, मुरैना
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