मोरेना

एक-एक घंटे के अंतराल पर चंबल में छोड़ा पानी, बढ़ा जलस्तर

एक सप्ताह पूर्व भी छोड़ा गया था कोटा बैराज से साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी

मोरेनाAug 31, 2020 / 11:50 pm

rishi jaiswal

एक-एक घंटे के अंतराल पर चंबल में छोड़ा पानी, बढ़ा जलस्तर

मुरैना. कोटा बैराज से चंबल में अलग-अलग समय में 7.33 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से राजघाट पर जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। चंबल में बढ़ते हुए पानी के देखकर प्रशासन सतर्क है और किनारे के गांवों में भी अलर्ट कर दिया गया है।
सोमवार शाम चंबल में राजघाट पर जल स्तर 129.7 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि यहां खतरे का निशान 138 मीटर पर है। इसके बाद चंबल में हालात बेकाबू हो जाते हैं।

यहां बता दें कि एक सप्ताह पहले भी चंबल में 3.60 लाख क्यूसेक पानी छोडऩे से बाढ़ के हालात बने थे, लेकिन दूसरे दिन से जलस्तर कम होने लगा था। इस बार भी अधिकारी यह मान रहे हैं कि पानी की मात्रा भले ही अधिक है, लेकिन चार घंटे में भी करीब एक-एक घंटे के अंतर से पानी छोड़ा गया है, इसलिए जल स्तर नुकसान पहुंचाने की स्थिति मेेंं नहीं पहुंच पाएगा। लेकिन फिर भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने लिए पुलिस, प्रशासन और होमगार्ड सतर्क हैं। रेस्क्यू टीमें अलर्ट पर रखी गई हैं।
चंबल में बाढ़ के हालात बनने पर 70-100 गांव प्रभावित होते हैं। सबलगढ़, कैलारस, जौरा, मुरैना, अंबाह एवं पोरसा तहसीलोंं के गांवों पर बाढ़ का असर पड़ता है। सबलगढ़ में करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतें और लगभग डेढ़ दर्जन गांव चंबल में बाढ़ की स्थिति बनने पर चपेट मे आते हैं। मुरैना और जौरा के भी इतने ही गांव प्रभावित होते हैं। अंबाह व पोरसा में भी गांव प्रभावित होते हैं। इनमें सुखध्यानकापुरा, चुसलई, उसैदकापुरा, लुधावली आदि गांव शामिल हैं।
मुनादी भी कराई जा सकती है

चंबल में जलस्तर का अध्ययन मंगलवार को सुबह करने के बाद प्रशासन मुनादी एवं अन्य सतर्कता उपाय बरत सकता है। होमगार्ड के कमांडेंट अजय सिंह के अनुसार हमारे जवानों के साथ राÓय आपदा प्रबंधन समिति के जवान किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं।
दोनों घाटों पर रुकवाया यातायात

चंबल नदी के सबलगढ़ में अटार और अंबाह में उसैदघाट पर बरसात के मौसम में चलने वाले स्टीमर जल स्तर बढऩे पर बंद करवा दिए जाते हैं। इस बार भी बंद करवा दिए गए हैं। इसलिए सबलगढ़ में राजस्थान से और अंबाह में उत्तरप्रदेश से चंबल के घाटों के माध्यम से सीधा संपर्क कट गया है। चंबल मेें खतरे का निशान तो 138 मीटर पर है, लेकिन पुल की ऊंचाई 141 मीटर है। लेकिन पुराना पुल चालू रहने तक 136 मीटर के बाद यातायात रोक दिया जाता था। अब नया पुल तीन साल से बनकर तैयार होने पर बाढ़ की स्थिति में भी यातायात रोकने की नौबत नहीं आएगी।
कब कितना

छोड़ा पानी

129305 क्यूसेक पानी सुबह 10 बजे छोड़ा गया चंबल में।

130322 क्यूसेक पानी सुबह 10.25 बजे छोड़ा गया।

152760 पानी सुबह 11 बजे छोड़ा गया कोटा बैराज से।
150374 क्यूसेक पानी 12 बजे चंबल में छोड़ा गया।

170500 क्यूसेक पानी दोपहर 2 बजे छोड़ा गया चंबल में।

733261 क्यूसेक पानी कुल छोड़ा गया है चंबल में।

-चंबल में पानी अलग-अलग समय में छोड़ा गया है, इसलिए निकल जाएगा। लेकिन पार्वती का पानी भी आने से जल स्तर 135 या इससे ऊपर तक पहुंच सकता है। प्रशासन सतर्क है और किनारे के गांवों को भी सतर्क कर दिया गया है।
सुरेश कुमार, कार्यपालन यंत्री, आरईएस, मुरैना।
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