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जीवाजी गंज में 35 लाख का काम, ननि में फाइल नहीं

locationमोरेनाPublished: Jan 22, 2020 12:23:36 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

शहर में लाखों रुपए का कार्य हो रहा है और निगम कार्यालय से इसका अभिलेख गायब है। एक बाबू और इंजीनियर के बीच झूल रही फाइल कई माह से गायब है, इसके बावजूद कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि इसका प्राक्कलन ही नहीं बना और बिना स्वीकृति के काम कराया जा रहा है। लेकिन फिर फाइल कैसे बनी और वह गायब कैसे हो गई, इसका जवाब नहीं है।

CC work in Jiwaji Ganj

जीवाजी गंज में कराया गया सीसी कार्य।

मुरैना. जीवाजी गंज में भारतीय स्टेट बैंक के सामने वाले चौक में सीसी कार्य की कवायद सितंबर 2018 से चल रही है। इस कार्य को लेकर शहर के लोग और महापौर शुरू से आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं। मामला कलेक्टर के समक्ष जन सुनवाई में भी कुछ माह पहले पहुंचा था, लेकिन काम रुका नहीं। इस दौरान निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस काम का कोई एस्टीमेट नहीं बना और यदि होगा भी तो इसका भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि इसकी फाइल के बारे में अधिकारियों को पूरी जानकारी है। इसके बावजूद किसी बाबू या इंजीनियर के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। जबकि फाइल को ेलेकर विवाद बढऩे पर इससे जुड़ी एक महिला इंजीनियर बीमारी के बहाने 1 माह के अवकाश पर भी जा चुकी हैं। पिछले दिनों उनके लौटने के बाद फिर से फाइल तलाशने की कवायद शुरू की गई है, लेकिन उसका पता नहीं लग पा रहा है। इस तरह के और भी अभिलेख निगम से नदारत हैं। निगम के अभिलेख की सघनता से जांच करवाई जाए तो सैकड़ों फाइलें नदारत मिलेंगी। यह फाइलें ठेकेदार और निजी लोग अपने घरों पर रखे हुए हैं या हाथों में लेकर घूम रहे हैं। जीवाजी गंज पार्क में हुए 35 लाख रुपए के कार्य की फाइल गुम होने को लेकर निगम के अधिकारी खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं।
21 से 43 लाख तक पहुंचा एस्टीमेट, 35 पर फाइनल
जीवाजी गंज में सीसी कार्य के लिए कवायद निगम गठन के 1 साल बाद ही शुरू हो गई थी। नगर निगम ने इसके लिए सितंबर २०१६ में २१.१५ लाख रुपए का एस्टीमेट भी स्वीकृत कर दिया था। लेकिन काम में विलंब की वजह से बजट बढ़ता गया और सितंबर 2018 में एस्टीमेट 43 लाख रुपए का हो गया। हालांकि इसमें बजट 35 लाख रुपए का ही मंजूर किया गया। मै. गौरव इंडस्ट्रीज के नाम से टैंडर को 16 जनवरी 2019 को स्वीकृत कर 21 जनवरी को अनुबंध भी हो गया।
काम के तरीके पर भी उठते रहे हैं सवाल
जीवाजी गंज पार्क क्षेत्र में जब काम शुरू हुआ तो उसके तौर-तरीकों को लेकर भी आवाज उठी। एक पार्क की जालियां निकालकर दूसरे में लगाई गईं। नए छोटे गेट करवाए गए और पहले से बने ट्रैक के ऊपर सीसी रोड डाली गई। हालांकि यह कार्य सीसी कार्य के प्राक्कलन में शामिल नहीं है। इस पूरे कार्य को लेकर कांग्रेस के ही लोगों ने ३ माह पूर्व कलेक्टर को शिकायत की थी। निगम ने भी जांच की बात कही थी, लेकिन फाइल गायब होने के बाद अधिकारी उसकी तलाश में जुट गए हैं।
कथन-
जीवाजी गंज में मनमाने तरीके से कार्य कराया गया है, जो कार्य हुआ है वह 35 लाख का नहीं है। निगम में एस्टीमेट बना था, अब नहीं मिल रहा है तो उसे अधिकारी ढुंढ़वााएं।
अशोक अर्गल, महापौर, ननि मुरैना।
-जीवाजी गंज में हुए सीसी कार्य की फाइल तो दाताराम निगम के नाम थी, लेकिन मिसिंग है। इसे इंजीनियर शिवलक्ष्मी देख रहीं थीं। उनका कहना है कि फाइल दे दी थी। इनका कोई पुराना मामला है जो दिखवाया जाएगा। इंजीनियर 30 दिन की छुट्टी पर भी चली गई थीं, अब लौट आई हैं। लेकिन मामला खत्म नहीं हुआ है। इस काम का कोई एस्टीमेट मेरी जानकारी में नहीं है, कहीं होगा भी तो उसका भुगतान नहीं करूंगा।
अमरसत्य गुप्ता, आयुक्त, ननि, मुरैना।
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