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विश्व का इकलौता मूल शनि मंदिर, होने जा रहा कुछ खास

locationमोरेनाPublished: Jan 15, 2022 03:27:59 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

विश्व का इकलौता और मूल शनि मंदिर मुरैना के ऐंती पर्वत पर बना हुआ है। यह मंदिर रामायणकालीन माना जाता है। वहां लगे शिलालेख के अनुसार शनिदेव ने यहां तपस्या की थी, इसलिए यह मंदिर और भी खास है।

विश्व का इकलौता मूल शनि मंदिर-मुरैना

परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण करते केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर

विश्व का इकलौता मूल शनि मंदिर, होने जा रहा कुछ खास
मुरैना. हनुमानजी ने लंका दहन के दौरान शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त करवाने के बाद यहां फैंका था, क्यों शनिदेव रावण की कैद में दुर्बलता के कारण तेज चलने में असमर्थ थे। महाराष्ट्र के सिगणापुर में स्थित शनि मंदिर की प्रतिमा के लिए पाषाण भी इसी मंदिर से प्रतिमा से स्पर्श करवाकर ले जाकर स्थापित किया गया था। लेकिन अब मुरैना के शनिमंदिर में कुछ खास होने जा रहा है।
धार्मिक पर्यटन स्थल बनेगा शनिमंदिर
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसकी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। इस सबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है। मंदिर का आंतिरिक के साथ बाह्य विकास पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।
दो परिक्रमा मार्ग, शनि सरोवर व कुंड भी बनेगा
शनि मंदिर के जीर्णोद्धार की कवायद में दो व्यवस्थित और सुविधायुक्त परिक्रमा मार्ग बनाए जाएंगे। एक छह किलोमीटर का और दूसरा 21 किलीमीटर का होगा। शनि सरोवर और शनि कुंड का भी निर्माण और जीर्णोद्धार कराया जाएगा। मंदिर के विकास को दो हिस्सों में बांटा गया है। आंतिरिक और बाहरी विकास कार्य कराए जाएंगे। आंतरिक विकास के तहत मंदिर परिसर में विकास होगा, जबकि बाहरी विकास के तहत परिक्रमा मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इस परिक्रमा मार्ग का केंद्रीय मंत्री तोमर ने निरीक्षण भी किया।
क्या खास होगा परिक्रमा मार्ग में
परिक्रमा मार्ग में बिजली, सड़क संपर्क मार्ग के अलावा जन सुविधाएं, दुकानें और खानपान की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। ताकि धार्मिक पर्यटन पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। परिक्रमा मार्ग में कुछ अन्य मंदिर भी हंै, जिनका भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग के दोनों ओर पौधरोपण के कार्य को भी जीर्णोद्धार योजना में शामिल किया गया है।
लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं यहां
हर शनिवारी अमावस को शनि मंदिर पर लक्खी मेला भरता है। इसमें देश के कोने-कोने के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्गों के विकास और विस्तार का कार्य दो साल से चल रहा है। शनिचरा तक रेल सुविधा और ग्वालियर तक हवाई सुविधा होने के अलावा चारों ओर से सड़क संपर्क मार्ग होने से यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
भंडारे आयोजित करने आते हैं देश भर से लोग
शनि मेले के समय हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मप्र के अनेक हिस्सों से श्रद्धालु यहां भंडारा आयोजित करने भी आते है। यहां रात में ठहरने के लिए धर्मशाला व अन्य सुविधाएं भी हैंं। वहीं मंदिर प्रबंधन भी भंडारा चलाता है। दर्शनों के लिए सामान्य और वीआईपी मार्ग से व्यवस्था रखी जाती है। हर शनिवार को भी हजारों श्रद्धालु पहुचते हैं।

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