scriptBhoot Movie Review : विक्की कौशल की ‘भूत’ देख कर कांप जाएगी आपकी रूह | bhoot the haunted ship review in hindi vicky kaushal | Patrika News

Bhoot Movie Review : विक्की कौशल की ‘भूत’ देख कर कांप जाएगी आपकी रूह

locationमुंबईPublished: Feb 21, 2020 08:21:23 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

कहानी की बुनियाद रीयल इंसिडेंट है, जिसे हॉरर का तड़का लगाकर पर्दे पर प्रजेंट करने की कोशिश की गई है। मुंबई के जुहू बीच पर अचानक एक शिप ‘सी बर्ड’ बिना किसी …

Vicky Kaushal

Vicky Kaushal

बैनर: धर्मा प्रोडक्शंस, जी स्टूडियोज
राइटिंग-डायरेक्शन: भानु प्रताप सिंह
जोनर: हॉरर
यूजिक-लिरिक्स: अखिल सचदेवा
बैकग्राउंड स्कोर: केतन सोढ़ा
सिनेमैटोग्राफी: पुष्कर सिंह
एडिटिंग: बोधादित्य बनर्जी
एक्शन: विक्रम दहिया
रनटाइम: ११४ मिनट

विकी कौशल, भूमि पेडनेकर, आशुतोष राणा, मेहर विज, आकाश धर, अभिषेक रावत, संजय गुरबक्सणी, सूरज व्यास, सूरज सोनिक, चित्रा शर्मा
बॉलीवुड में हॉरर ऐसी शैली है, जिसमें स्कोप तो बहुत है, लेकिन इसको कैश करना इतना आसान भी नहीं है। धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म ‘भूत पार्ट वन: द हॉन्टेड शिप’ यूं तो हॉरर फिल्म है, लेकिन इस जॉनर की उमीदों पर खरी नहीं उतरती। यह डराती कम, इरिटेट ज्यादा करती है।
Vicky Kaushal
स्क्रिप्ट
कहानी की बुनियाद रीयल इंसिडेंट है, जिसे हॉरर का तड़का लगाकर पर्दे पर प्रजेंट करने की कोशिश की गई है। मुंबई के जुहू बीच पर अचानक एक शिप ‘सी बर्ड’ बिना किसी क्रू मेंबर के अपने आप आ पहुंचा है। सर्वेइंग ऑफिसर पृथ्वी (विकी कौशल) को इसकी जांच-पड़ताल का जिमा मिलता है। इधर, पृथ्वी पर्सनल लाइफ में मेंटल ट्रोमा से जूझ रहा है। दरअसल, उसकी पत्नी और बेटी की एक वॉटर एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है, जिससे वह उबर नहीं पाया है। जब वह शिप के अंदर जाता है तो उसे कुछ अजीबो-गरीब चीजें दिखाई व सुनाई देती हैं। फिर वह इसके पीछे की हकीकत जानने में जुट जाता है।
Vicky Kaushal
डायलॉग पंच
डायलॉग्स बेअसर हैं। उनमें वह एक्स फैक्टर मिसिंग है, जो हॉरर फिल्मों में रोंगटे खड़े कर देता है। ‘जिसे तुम देख रहे हो, ये तुहारा हैलुसिनेशंस नहीं है बल्कि एक बुरा साया है’ जैसे संवाद सिर्फ खानापूर्ति करते हैं।
vicky kaushal
एक्टिंग
विकी की परफॉर्मेंस ठीक है। पूरी फिल्म उनके इर्द-गिर्द ही घूमती है। हालांकि कुछ दृश्यों में उनके एक्सप्रेशंस उतने प्रभावी नहीं लगते, जितनी दरकार थी। स्पेशल अपीयरेंस में भूमि सहज अभिनय से असर छोड़ जाती हैं। आशुतोष राणा का किरदार ढंग से डवलप नहीं किया गया। वह फिल्म ‘राज’ (2002) की अपनी भूमिका को दोहराते दिखे। मेहर विज की स्क्रीन प्रजेंस अच्छी है, पर वह भी खराब लेखन की भेंट चढ़ गई। आकाश की एक्टिंग ठीक-ठाक है।
vicky kaushal
डायरेक्शन
भानु प्रताप सिंह न तो राइटिंग में कमाल दिखा पाए और न ही डायरेक्शन में। स्क्रिप्ट अधपकी सी है। स्क्रीनप्ले इप्रेसिव नहीं है। मूवी में फ्रेशनेस की कमी खलती है। डरावना माहौल क्रिएट करने के लिए गुडिय़ा, छिपकली की तरह रेंगती चुड़ैल, शीशे का चटकना जैसे घिसे-पिटे फॉर्मूले यूज किए गए हैं। विजुअल इफेक्ट्स से कुछ सीन अच्छे बन पड़े हैं। बैकग्राउंड स्कोर सिहरन पैदा करने में नाकाफी है। सिनेमैटोग्राफी शानदार है। संपादन क्रिस्प नहीं है।
क्यों देखें
‘भूत’ की शुरुआत उमीद जगाती है, पर जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है तो आभास हो जाता है कि यह ‘हॉन्टेड’ शिप डूबने वाला है। बहरहाल, इस हॉरर मूवी में भूत तो है, पर आत्मा गायब है। लिहाजा अपनी रिस्क पर ही ‘भूत’ देखें।
vicky kaushal
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो