scriptMovie Review: बड़े पर्दे पर कॉमेडी में फेल हुए कपिल | Firangi Movie Review: Kapil Sharma-Starrer is So Bad Its Funny | Patrika News

Movie Review: बड़े पर्दे पर कॉमेडी में फेल हुए कपिल

Published: Dec 01, 2017 06:11:53 pm

Movie Review: बड़े पर्दे पर कॉमेडी में फेल हुए कपिल….

Firangi

Firangi

राइटिंग-डायरेक्शन : राजीव ढिंगरा

स्टार कास्ट : कपिल शर्मा , इशिता दत्ता, मोनिका गिल, एडवर्ड सोनेनब्लिक, कुमुद मिश्रा, इनामुलहक, राजेश शर्मा, अंजन श्रीवास्तव, जमील खान, विशाल ओ. शर्मा, मरयम जकारिया
म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर: जतिंदर शाह
रेटिंग : 1.5 स्टार

इसमें कोई शक नहीं है कि कपिल शर्मा मौजूदा दौर में स्टैंडअप कॉमेडी के बादशाह हैं, लेकिन एक्टिंग के मामले में अभी उन्हें वही लगन और मेहनत दिखानी होगी, जो उन्होंने अपनी कॉमेडी में दिखाई है। कपिल की बतौर हीरो डेब्यू मूवी ‘किस किसको प्यार करूं’ उनकी छोटे पर्दे की पॉपुलैरिटी के कारण भले ही बॉक्सऑफिस पर शानदार बिजनेस करने में कामयाब रही हो, लेकिन बॉलीवुड में अगर उन्हें बतौर एक्टर एक लंबी पारी खेलनी है तो उन्हें अभिनय में खुद को तराशने पर फोकस करना होगा। अब वह अपनी दूसरी फिल्म ‘फिरंगी’ के साथ दर्शकों के सामने हैं, लेकिन राजीव ढिंगरा निर्देशित यह फिल्म मनोरंजन के लिहाज से एक कमजोर पेशकश है। इसकी एक वजह कपिल का सपाट अभिनय भी है। हालांकि इस फिल्म से कपिल ने बतौर निर्माता भी डेब्यू किया है। प्री-इंडिपेंडेंस एरा पर बेस्ड यह पीरियड ड्रामा लचर स्क्रीनप्ले और स्लो स्पीड के कारण बोर करता है।

कहानी
फिल्म की कहानी 1920 की पृष्ठभूमि पर सेट है। पंजाब के बहरामपुर गांव निवासी मंगा (कपिल शर्मा) तीन बार पुलिस भर्ती में दौड़ में रिजेक्ट हो चुका है। उसे वैल्ला बैठा देख उसके पिता खूब ताना मारते हैं। हालांकि उल्टा पैदा होने के कारण गांव में जब भी किसी की पीठ में दर्द होता है तो मंगा लात मारकर ठीक कर देता है। मंगा अपने दोस्त की शादी में दूसरे गांव नकुगुड़ा जाता है, जहां वह सरगी (इशिता दत्ता) को देखता है और उसे दिल दे बैठता है। वापस अपने गांव आकर वह सरगी से शादी करने के सपने देखने लगता है। इसी बीच ब्रिटिश ऑफिसर मार्क डेनियल्स (एडवर्ड सोनेनब्लिक) का पीठ दर्द मंगा लात मारकर ठीक कर देता है। इससे खुश होकर डेनियल्स उसे अर्दली की नौकरी पर रख लेता है। इधर, डेनियल्स और स्थानीय महाराजा इंद्रवीर सिंह (कुमुद मिश्रा) शराब की फैक्ट्री लगाने के लिए नकुगुड़ा गांव खाली कराना चाहते हैं। अनजाने में इस काम में मंगा गांव वालों की नजर में दोषी बन जाता है। इसके बाद कहानी कुछ ट्विस्ट्स एंड टर्न्स के साथ आगे बढ़ती है।

एक्टिंग
कपिल का अभिनय नीरस है। किरदार की डिमांड के अनुसार न तो वह संवाद बोल पाए, न ही उनके हाव-भाव वैसे नजर आए। इशिता दत्ता को स्क्रीन स्पेस और डायलॉग्स कम मिले हैं, लेकिन उन्होंने अपना किरदार बखूबी निभाया है। महाराजा की भूमिका में कुमुद मिश्रा पूरी फॉर्म में नजर आए। राजकुमारी के रोल में मोनिका गिल ओके हैं। एडवर्ड ने भी ब्रिटिश ऑफिसर का रोल ठीक-ठाक निभाया है। अंजन श्रीवास्तव, इनामुलहक और राजेश शर्मा ने अच्छा अभिनय किया है।

ऐसा लगता है कि राइटर-डायरेक्टर राजीव, आशुतोष गोवारीकर की ‘लगान’ से काफी प्रभावित हैं, क्योंकि फिल्म का प्लॉट ‘लगान’ की झलक दिखाता है। डेब्यू डायरेक्टर राजीव का डायरेक्शन एवरेज है। स्क्रीनप्ले क्रिस्पी नहीं है। डायलॉग्स भी असरदार नहीं हैं। साथ ही फिल्म की लंबाई और धीमी रफ्तार इरिटेट करती है। संपादन के मामले में मूवी कमजोर है। गीत-संगीत औसत है। सिनेमैटोग्राफी में नवनीत ने अच्छा काम किया है, वहीं लोकेशंस भी अच्छी हैं।

क्यों देखें, क्यों न देखें
कपिल का सतही अभिनय, कमजोर स्क्रीनप्ले और सुस्त संपादन के कारण करीब 161 मिनट की ‘फिरंगी’ बेढंगी लगती है और दर्शकों को अधीर कर देती है। अगर आप एक्टर कपिल के बहुत ही बड़े प्रशंसक हैं तो ही ‘फिरंगी’ देखना बनता है, वर्ना आप सिनेमाहॉल में बेचैनी महसूस करेंगे।

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